गोपालगंज

गोपालगंज: साधारण परिवार में पली गीता कुमारी को विज्ञान संकाय में मिली पीएचडी की मानक उपाधि

गोपालगंज: साधारण परिवार में पली और अपनी मेहनत लगन से समाज सेवा में हमेशा तत्पर रहने वाली छात्रा गीता कुमारी को विज्ञान संकाय में पीएचडी की मानक उपाधि मिली है। गीता कुमारी गोपालगंज के हजियापुर मोहल्ला वार्ड 8 के निवासी व वर्तमान में कोलकाता में कार्यरत रामनाथ साह की बेटी है। जिन्हें जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा से विज्ञान संकाय के मैथमेटिक्स विभाग में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई हैं। इस डिग्री के साथ ही उन्हें अब डॉ० गीता कुमारी के नाम से जाना जाएगा।

डॉ गीता कुमारी का शोध का विषय हैं: “एक्सपेंशन ऑफ ए जनरलाइज्ड क्लासिकल पॉलिनोमियल ऑफ एन वेरिएबल्स।”। इनके शोध पर्यवेक्षक गणित विभाग के एसोसिएट प्रो डॉ बीoकेo सिंह है। जिनके कुशल नेतृत्व में शोध कार्य सम्प्पन हुआ। वाह्य परीक्षक के रूप में पटना कॉलेज ऑफ कॉमर्स के जाने माने शिक्षक प्रो० डॉ महबूब जफर आलम थे।

पढ़ाई का सफर : डॉ गीता कुमारी ने स्नातक की पढ़ाई भी जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कमला राय कॉलेज से की है। उन्होंने स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी गोपालगंज के कमला राय कॉलेज से की थी। डॉ गीता कुमारी को 31 जुलाई को जब डॉक्ट्रेट की उपाधि प्राप्त हुई तब से कोलकाता में रह रहे परिवार एवं रिस्तेदारों में खुशियों का माहौल है। उपाधि मिलने पर गीता कुमारी के दोस्तो, रिश्तेदारों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें बधाई दिया है।

क्या कहती है डॉ गीता कुमारी : डॉ गीता कुमारी के मुताबिक उन्हें बचपन से पढ़ने से शौक था। वही पीएचडी की पढ़ाई के दौरान इन्होने पटना में रहकर पटना यूनिवर्सिटी का शोध के लिए लाइब्रेरी ज्वाइन किया।

पॉकेट खर्च काटकर वर्षो से करती रही है समाजसेवा : बता दे की गीता कुमारी शोध के साथ ही योगा क्लास से जुड़ी रही। जहां से वे महिलाओं और बच्चों को योग की ट्रेनिंग देती है। गोपालगंज के हजियापुर मोहल्ले में दलित, महादलित बस्ती में जाकर वे वर्षो से न सिर्फ योग सिखा रही है। बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब बच्चो को निशुल्क कोचिंग भी पढ़ाती है।

डॉ गीता कुमारी का शौक : गीता को पेंटिंग का भी शौक हैं। वे समय समय पर कई जगह जाकर प्रतियोगिता में भी भाग ले चुकी है। जिसके लिए उन्हें जिलास्तर पर और अन्य सामाजिक संगठनों के द्वारा प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है।

डॉ गीता कुमारी का कहना है की समाज में आज भी ऐसे सामाजिक कार्यकर्ताओं की जरूरत है जो निशुल्क भाव से गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को समाज की मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें शिक्षा दे।

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