गोपालगंज: एग्री-क्लिनिक एवं एग्री-बिजनेस सेंटर पर कार्यशाला का उप विकास आयुक्त ने किया उद्घाटन
गोपालगंज जिला पदाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी के निर्देशानुसार नाबार्ड द्वारा एग्री-क्लिनिक एवं एग्री-बिजनेस सेंटर पर कार्यशाला का उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्री अभिषेक रंजन द्वारा किया गया।
कृषि को बढ़ावा देने और कृषि का विकास करने के लिए नाबार्ड द्वारा एग्री-क्लिनिक एवं एग्री-बिजिनेस सेंटर हेतु कार्यक्रम का शुभारंभ उप विकास आयुक्त अभिषेक रंजन, डा. अनुपम लाल कुसुमाकर, डी.डी.एम. नाबार्ड, रामनरेश पाण्डेय, एम.डी., कॉआपरेटिव बैंक, मंजुल मयंक मिश्र, आर.एम., उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, डॉ. जाहिद हुसैन, डी.ए.एच.ओ., वशीम अंसारी, डी.पी.एम. ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. अनुपम लाल कुसुमाकर, डी.डी.एम. नाबार्ड, गोपालगंज द्वारा आज दिनांक 23.07.2022 को लखपतिया मोड़, गोपालगंज में की गयी।
सभा को संबोधित करते हुए उप विकास आयुक्त ने कहा कि कृषि व्यवसाय में आने वाले समय नये युवको का है जो कृषि में अपना भविष्य बनाना चाहते है। जो युवक कृषि व्यवसाय मे उच्च माध्यमिक, स्नातक, स्नात्कोत्तर कर रहे है, उनका भविष्य उज्ज्वल है। क्योकि भारत सरकार का पूरा ज़ोर कृषि का विकास कर किसानो कि आय दोगुनी करने पर है। हमारा भारत कृषि प्रधान देश है जिसकी 60 % जनता मुख्य रूप से कृषि पर निर्भर है। कृषि में हो रहे नित्य नये वैज्ञानिक प्रयोग से कृषि में काफी विकास हो रहा है जिसके माध्यम कृषि में रोजगार सृजन हो रहा है। कृषि विषय मे योग्यताधारी युवक गाँव स्तर पर एग्रो -क्लिनिक खोल कर अपना व्यवसाय कर सकता है सरकार भी सहयोग कर रही है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये डी.डी.एम. नाबार्ड डा. अनुपम लाल कुसुमाकर ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र की स्थापना को बढ़ावा देना है। कृषि व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा एक योजना भी तैयार की गई है जिसके माध्यम से खेती से जुड़े व्यक्ति या जुड़ने के इच्छुक व्यक्ति 20 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं। यह राशि आप एग्री क्लीनिक और एग्री बिजनेस सेंटर योजना के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
बेरोजगार कृषि स्नातक, कृषि डिप्लोमा धारक, कृषि में उच्चतर माध्यमिक और जैविक विज्ञान स्नातक और कृषि में स्नातकोत्तर इस योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके साथ ही आवेदनकर्ता की उम्र 18 से 60 वर्ष की होनी चाहिए।
कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र स्थापित करने के लिए नाबार्ड बैंक 20 लाख रुपये का व्यक्तिगत ऋण और प्रशिक्षण उद्यमियों के लिए 1 करोड़ रुपये तक का समूह लोन उपलब्ध कराता है। इस लोन पर सामान्य श्रेणी के उद्यमियों को 36 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी. वहीं अनुसूचित जातियों, जनजातियों और महिलाओं से संबंधित उद्यमियों को 44 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।
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