गोपालगंज: अग्निपथ योजना के विरोध में सिधवलिया में ट्रेन जलाने वाला एक आरोपी हुआ गिरफ्तार
गोपालगंज: पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के महानिरीक्षक सह प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त तारिक अहमद के निर्देशन में तथा वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त डाँ. अभिषेक व सहायक सुरक्षा आयुक्त अमित गुंजन के कुशल पर्यवेक्षण में दिनांक 16.06.22 को अग्निवीर/टिओडी योजना के खिलाफ सेना अभ्यर्थियों/उपद्रवियों द्वारा विरोध प्रदर्शन के दौरान सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर खड़ी गाड़ी संख्या 15080 के कोच नम्बर-073499 एनई (डी-5)में आग लगा कर कोच को खाक कर दिया गया जिसके कारण उक्त कोच जल गया। उक्त घटना के संबंध में स्टेशन अधीक्षक सिधवलिया प्रभाशंकर प्रसाद दीपक की प्राथमिकी पर 100 से 150 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध राजकीय रेलवे पुलिस थाना थावे पर कांड संख्या. 109/22 अंतर्गत धारा 147,148,149,353,436 IPC व 151,152 रेल अधिनियम दिनांक 16.06.22 तथा आरपीएफ/ पोस्ट/थावे जं. पर मु.अ.सं. 34/22 अंतर्गत धारा 145,146,147,153,174 रेल अधिनियम दिनांक 19.06.22 पंजीकृत किया गया था। जिसकी जांच थावें जं. का भी प्रभार देख रहे सीवान के प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार यादव द्वारा की जा रही है। उक्त मामले के उदभेदन के क्रम में दिनांक 01.07.22 को प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार यादव के नेतृत्व में आरपीएफ थावे व सीवान के उप निरीक्षक अबु फरहान गफ़्फ़ार, उप निरीक्षक संजय कुमार पाण्डेय, उप निरीक्षक सुरेश चंद्र पाण्डेय व कान्स आबिद अली तथा जीआरपी थानाध्यक्ष सिवान सुधीर कुमार सिंह ,जीआरपी थानाध्यक्ष थावे जय विष्णु राम व स.उ.नि. नागेंद्र पासवान तथा स्थानीय पुलिस थाना सिधवलिया थानाध्यक्ष धनंजय कुमार द्वारा विशेष सहयोग कर संयुक्त रूप से तकनीकी साक्ष्य व मुखबिर खास की सूचना पर उक्त अग्निकांड के मुख्य आरोपी/सूत्रधार पप्पू कुमार सिंह उर्फ रवि रंजन पुत्र भृगुनाथ सिंह, निवासी ग्राम-करसघाट, थाना- मोहम्मदपुर, जिला- गोपालगंज, बिहार, उम्र 24 वर्ष जिसने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर उक्त कोच में आग लगाने का काम किया था को स्वीकार किया है,को सुपौली पंचायत भवन के सामने NH-27 से गिरफ्तार किया गया।उक्त अभियुक्त द्वारा इस अग्निकांड में उसका साथ देने वाले अन्य साथियों का नाम बताया है , जिनकी शीघ्र गिरफ्तारी अमल में लाई जाएगी। जीआरपी थावे द्वारा अपने मामले में उक्त अभियुक्त को माननीय रेलवे न्यायालय सोनपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से अभियुक्त को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।