गोपालगंज

गोपालगंज: राजस्व कर्मचारियों की कमी, 106 राजस्व कर्मचारी संभाल रहे 1566 गांवों के भूमि दस्तावेज

गोपालगंज: अविश्वसनीय, लेकिन हकीकत है। जिले में एक-एक राजस्व कर्मचारी के ऊपर दर्जन दो दर्जन नहीं बल्कि 50 से अधिक राजस्व ग्राम के भूमि दस्तावेज संभालने की जिम्मेदारी है। ऐसे में भूमि विवाद के त्वरित निष्पादन के दावों का क्या होगा, इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। राजस्व कर्मचारियों की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जाता है कि जिले के 230 पंचायत, दो नगर पंचायत तथा तीन नगर परिषद के भू अभिलेखों को संभालने के लिए महज 106 राजस्व कर्मचारी कार्यरत हैं। यह तो गनीमत कहें कि सेवानिवृत्त हो चुके 17 कर्मचारी संविदा पर अपनी सेवा दे रहे हैं। अन्यथा यह परेशानी और भी अधिक होती।

राजस्व कर्मचारियों की संख्या के लिहाज से हथुआ और सिधवलिया प्रखंड की स्थिति थोड़ी बेहतर है। हथुआ प्रखंड में 18 पंचायत एवं एक नगर पंचायत क्षेत्र के लिए 15 कर्मचारी और सिधवलिया प्रखंड मे 13 पंचायत में 08 राजस्व कर्मचारियों के बीच बिभक्त है। राजस्व ग्राम की संख्या और क्षेत्रफल के नजरिए से हथुआ अंचल में एक राजस्व कर्मचारियों के हिस्से आठ से दस मौजा आता है । यहां बता दें कि पंचदेवरी अंचल अंतर्गत कुल 99 मौजा है। यहां तीन राजस्व कर्मचारी कार्यरत हैं।

कमी के बीच राजस्व कर्मचारियों के पदस्थापन के मामले में बरौली अंचल एवं नगर परिषद और मिरगंज नरग परिषद व उचकागांव अंचल की स्थिति सर्वाधिक खराब है। उचकागांव अंचल में महज पांच राजस्व कर्मचारी पदस्थापित हैं। इनमें एक सेवानिवृत्ति के बाद संविदा के आधार पर कार्य कर रहे हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति विजयीपुर, कटेया, गोपालगंज, भोरे, मांझा आदि सभी अंचल की है।

जिले मे राजस्व कर्मचारियों की कमी का असर भू लगान वसूली पर भी पड रहा है। अप्रैल माह में किसी भी राजस्व कर्मचारी के द्वारा भू लगान के रूप में एक रुपए की भी वसूली नहीं हो सकी है। राजस्व कर्मचारियों को लगान वसूली के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। कर्मचारियों ने बताया कि चार चार पंचायतों का प्रभार मिलने के कारण लगान वसूली व आम जनता का कार्य समय से नहीं हो पाता है।

राजस्व कर्मचारियों की कमी का असर विकास योजनाओं पर भी पड़ रहा है। विभागों के द्वारा विकास योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए अंचल से अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। कर्मचारियों की कमी की वजह से विकास योजनाओं के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र काफी विलंब से प्राप्त होता है। कई अंचलों ने तो विकास योजनाओं के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में 6 महीने से भी अधिक समय लग जाता है। अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में वरीय अधिकारियों का निर्देश भी निष्प्रभावी हो जाता है।

जिले में 99 राजस्व कर्मचारियों के जिम में 1566 मौजा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पंचदेवरी में 99, बैंकुठपुर में 121, फुलवरिया में 109, कटेया में 125, भोरे में 172, कुचायकोट में 222, मांझा में 111, विजयीपुर में 143, हथुआ में 109, गोपालगंज में 73, उचकागांव में 83, थावे में 53, सिधवलिया में 50 एवं बरौली अंचल में 91 मौजा है।

बैकुंठपुर के 22 पंचायत के लिए 8, फुलवरिया के 12 पंचायत के लिए 4, कटेया के 11 पंचायत के लिए 6, पंचदेवरी के 9 पंचायत के लिए 3, भोरे के 17 पंचायत के लिए 10, कुचायकोट के 31 पंचायत के लिए 13, माझा के 20 पंचायत के लिए 5, विजयपुर के 13 पंचायत के लिए पांच, हथुआ के 18 पंचायत के लिए 15, उचकागांव के 14 पंचायत के लिए 5, गोपालगंज के 16 पंचायत के लिए 7, थावे के 11 पंचायत के लिए 4, सिधवलिया के 13 पंचायत के लिए 8 व बरौली के 23 पंचायत के लिए 12 कर्मचारी नियुक्त है। इन प्रखंडों में कुल 17 कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद भी सेवा दे रहे हैं।

गोपालगंज डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी का कहना है की  जिले में राजस्व कर्मियों के रिक्ती की सूचना भूमि सुधार क् राजस्व विभाग को दी गई है। रिक्त स्थानों पर पदस्थापन की कार्रवाई विभाग के स्तर पर होगी।

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