गोपालगंज में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सिम कार्ड लेने वालों 106 लोगों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई
गोपालगंज में फर्जी दस्तावेंजों के आधार पर सिम कार्ड लेने वालों 106 लोगों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गयी है. इस मामले में एसपी आनंद कुमार के निर्देश पर जिले के अलग-अलग थानों में 12 एफआइआर दर्ज कराये गये हैं. जिनमें मोबाइल सिमकार्ड कंपनियों के रिटेलर और ग्राहक शामिल हैं. यह कार्रवाई खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर की गयी है. फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेने के पीछे क्या है मंशा. इस रिपोर्ट में देखिए.
हमेशा सूर्खियों में रहनेवाला गोपालगंज जिला एक बार फिर चर्चा में है. यहां फर्जी दस्तावेंजों के आधार पर सिम कार्ड जारी करने का मामला सामने आया है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर पुलिस ने एक्शन लेते हुए अलग-अलग थानों में 12 एफआइआर दर्ज करायी है. पिछले 24 घंटे में ये बड़ी कार्रवाई की गयी है. इनमें 106 लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. कटेया थाने में 20 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. जबकि बैकुंठपुर थाने में सात, मांझागढ़, थावे समेत अलग-अलग थानों में कुल 106 लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गयी है.
दरअसल गोपालगंज में हाल के दिनों में एनआइए ने कई बड़ी कार्रवाई की है. लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन से जुड़े मांझागढ़ थाने के पथरा गांव निवासी जफर अब्बास और शेख अब्दुल नईम समेत कई स्लीपर सेल के सदस्यों को गिरफ्तार कर ले गयी. इनके पास से फर्जी दस्तावेजों पर जारी हुए कई सिम कार्ड भी मिले. इस कार्रवाई के बाद खुफिया विभाग ने जांच शुरू किया. जांच में फर्जी दस्तावेजों पर 106 लोगों के नाम से सिम कार्ड जारी करने का खुलासा हुआ. उसके बाद एसटीएफ जांच कर सिम धारकों और रिटेलरों पर कार्रवाई शुरू की है. इसके अलावा साइबर क्राइम, पेशेवर अपराधी भी फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इनमें कई लोग ऐसे हैं, जो बिहार से बाहर रहते हैं.
बहरहाल ऐसे सवाल उठ रहा है कि फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड लेनेवाले की मंशा क्या है. सिमकार्ड जिन लोगों ने लिया है कहां इस्तेमाल करते हैं. क्या देश विरोधी गतिविधियों में सिम कार्ड का इस्तेमाल किया जा रहा. इन तमाम बिंदुओं पर एसटीएफ जांच कर रही है. पुलिस कप्तान ने जांच के बाद खुलासा करने की बात कही है.