गोपालगंज: डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ रहे स्वास्थ्य विभाग के कदम, व्हाट्सएप पर मिलेगी जानकारी
गोपालगंज: स्वास्थ्य विभाग लोगों तक विभिन्न प्रकार की जानकारी के लिये डिजिटल प्लेटफॉर्म का सहारा ले रहा है। विभाग की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी के लिये कम से कम अस्पताल का दौरा करना पड़े। इस क्रम में परिवार नियोजन अभियान को सफल बनाने और इसके संदेश को समाज के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में केयर इंडिया के सहयोग से कोमल दीदी व्हाट्सएप बोट नामक एक एप जारी किया गया है, जिस पर एक क्लिक करते ही परिवार नियोजन से संबंधित सभी प्रकार (स्थाई और अस्थाई) की तमाम जानकारियां मोबाइल स्क्रीन पर मिलेगी। यह एप परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए वरदान साबित होगा। इस एप के माध्यम से किसी क्षेत्र के इच्छुक व्यक्ति घर बैठे सभी जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे। संबंधित जानकारी लेने के लिये लोगों को अस्पताल का कम से कम चक्कर लगाना पड़ेगा। सभी जानकारी मोबाइल स्क्रीन पर प्राप्त हो जायेगी।
डीपीएम धीरज कुमार ने बताया लोगों को परिवार नियोजन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियां प्राप्त करने के लिए कोमल दीदी व्हाट्सएप बोट लांच किया गया है। इसका नंबर 9031691691 है। इस जारी नंबर पर कोई भी व्यक्ति सुविधाजनक तरीके से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जानकारी प्राप्त करने के लिए जारी नंबर को अपने मोबाइल में सेव करना होगा। जिसके बाद व्हाट्सएप फंक्शन में जाकर अपना नाम और मोबाइल नंबर लिखकर क्लिक करना है। इसके बाद आने वाले विकल्प को क्लिक कर कोई भी व्यक्ति परिवार नियोजन से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। वहीं यह सुविधा परिवार नियोजन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए ना सिर्फ सुविधाजनक बल्कि लोगों को घरों से बाहर भी नहीं निकलना पड़ेगा।
केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि परिवार नियोजन समन्वयक प्रेमा कुमारी ने बताया कि इस एप के माध्यम से जानकारी प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की किसी प्रकार की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। यानी सभी जानकारियां गोपनीयता के साथ दी जाएगी और लाभार्थियों की पहचान भी पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। ताकि खासकर महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करते हुए सुविधाजनक तरीके से जानकारी प्राप्त कर सकें जिससे एप का उद्देश्य सफल हो सके। साथ ही अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सकें।