गोपालगंज

गोपालगंज: गुटखा खाने से बढ़ रहा मुंह का कैंसर, समय पर लक्षणों की जांच करवाकर उपचार संभव

गोपालगंज के लोगों में तंबाकू, पान, गुटखा मसाला आदि के प्रयोग का प्रचलन बढ़ रहा है। तंबाकू और पान गुटखा के लंबे समय तक सेवन करने के कारण मुंह का कैंसर होता है। इसके प्रारंभिक लक्षण को नजरंदाज कर देते हैं। जिसके कारण यह बीमारी विकराल बन जाती है। अधिकतर लोग तंबाकूयुक्त गुटखा मुंह में या दांतों व गाल के बीच में दबाकर रखते हैं। उन्हें यहीं पर कैंसर हो जाता है। तंबाकू के प्रयोग की अवधि तथा उसका अधिक मात्रा के सेवन से जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, समय पर इसका इलाज कराने से लोगों को कैंसर के भयावह परिणाम से बचाया जा सकता है। वहीं, अब सदर अस्पताल में भी कैंसर की स्क्रीनिंग की सुविधा उपलब्ध है। जहां पर अब तक सैंकड़ों मरीजों ने जांच व इलाज कराया है।

सीएस डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि पूर्व की अपेक्षा हाल के दिनों में मुंह के कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि सिगरेट, बीड़ी, गुटखा तंबाकू के ही अगल अलग प्रकार है। इन सब चीजों के सेवन के अलग-अलग नुकसान है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि तंबाकू का सेवन किस तरह से किया जा रहा है। अगर तंबाकू को चबाकर सेवन कर रहें हैं (गुटखा या पान मसाला) तो मुंह और गले का कैंसर होता है। लेकिन अगर तंबाकू को सिगरेट, हुक्का या बीड़ी के जरिए लेते हैं तो फेफड़ों का कैंसर, हार्ट की समस्या और गैंगरीन जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है। अधिकतर मामलों में जब मरीज अस्पताल तक पहुंचता है, तो वह चौथी या पांचवी स्टेज में होता है। ऐसें में उसके बचने की संभावना काफी कम रहती है।

मुंह के कैंसर के अन्य लक्षण :

  • होंठ या मुंह के घाव का ठीक न होना
  • मुंह के अंदर सफेद रंग के धब्बे
  • दांतों का टूटना
  • मुंह के अंदर गांठ बनना
  • मुंह या कान में दर्द
  • खाने की चीजें निगलने में मुश्किल

मुंह की सफाई दोनों समय ठीक से करनी चाहिए : शुरुआती लक्षण आने पर यदि व्यक्ति संभल जाए तो जीवन बच सकता है। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि इस काम में 15 से 20 साल का समय लगता है। इसमें गुटखा छोड़ कर इलाज शुरु कर दें तो व्यक्ति ठीक हो जाता है। कैंसर से रोकथाम के लिए गुटखा पान मसाला का इस्तेमाल तुरंत छोड़ देना चाहिए। मुंह की सफाई दोनों समय ठीक से करनी चाहिए। हल्दी में कैंसर रोधी क्षमता होती है इसलिए इसका उपयोग रोज करना चाहिए। खाने में टमाटर का उपयोग करने के साथ ही मौसम में आंवला, गाजर और आम का सेवन करें क्योंकि इनमें एंटी आक्सीडेंट तत्व होते हैं।

इस प्रकार कम करें तंबाकू का सेवन

  • कोशिश करें कि धीरे-धीरे तंबाकू का सेवन कम कर दें
  • अगर आपका कोई साथी तंबाकू खाने के लिए कह रहा है तो उसको भी इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करें
  • यदि तंबाकू की तलब लगे तो मुंह में कुछ अन्य चीज़ चबाने के लिए डाल लें जैसे च्विंग गम, टॉफ़ी
  • तंबाकू छोड़ने के लिए निकोटिन थैरैपी का सहारा ले सकते हैं
  • अगर बहुत कोशिश के बाद भी इसको नहीं छोड़ पा रहे हैं तो मनोरोग विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह लें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected By Awaaz Times !!