गोपालगंज: करवतही बाजार में आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देर रात तक बहती रही काव्यधारा
गोपालगंज: कुचायकोट प्रखण्ड के करवतही बाजार में संस्कार भारती द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देर रात तक काव्यधारा बहती रही। मंच से कविताओं, गीतों का गायन होता रहा और मुग्ध श्रोता झूमते और वाह वाह करते रहे।
कवि सम्मेलन का प्रारम्भ बस्ती, उत्तरप्रदेश की प्रसिद्ध कवयित्री शिवा त्रिपाठी सरस ने माता सरस्वती की वंदना हे माँ विराजो कंठ में सूचि ज्ञान को विस्तार दो से किया । उसके बाद प्रशान्त सौरभ ने संस्कृत में काव्यपाठ कर के मंच को ऊंचाई दी। प्रशांत ने संस्कृत और भोजपुरी मिला कर जो नागेन्द्र हाराय त्रिलोचनाय… का पाठ किया उसने लोगों को वाह वाह करने पर विवश कर दिया! तत्पश्चात अवध की धरती से आये वरिष्ठ कवि ज्ञान प्रकाश आकुल ने भगवान राम और भरत के भातृत्व पर छन्द पढ़कर कवि सम्मेलन को अगले स्तर पर पहुँचाया।
गोरखपुर की धरती से आये संदीप सिंह श्रीनेत ने अपनी कविता “छोटा सा शहर हूँ मगर छोटा किरदार नही” पढ़कर खूब वाहवाही बटोरी। जिले के वरिष्ठ कवि संजय मिश्र संजय ने अपना प्रसिद्ध गजल ‘मैं समझता था कि वो किस्सा पुराना हो गया पढ़ कर समा बांधा, तो बनारस से आये सुशांत शर्मा ने अपने खण्डकाव्य जटायु से भक्त से नाता छूटे भगवान के, छूटे न भाई से भाई के नाता सुना कर श्रोताओं को भाव विह्वल कर दिया। इनके अतिरिक्त छपरा के कवि निर्भय नीर, दिल्ली से आये नित्यानन्द नीरव, बलिया से आये अशोक तिवारी व आलोक पाण्डेय और जिले के कवि सत्यप्रकाश शुक्ल ने अपनी कविताओं से लोगों को झुमाया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिले के वरिष्ठ कवि सुभाष संगीत ने की और मंच संचालन संजय मिश्रा संजय ने किया। कवि सम्मेलन में सदानीरा महोत्सव के संरक्षक, पूर्व मुखिया व पैक्सअध्यक्ष अशोक कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त मनोज पाण्डेय, मृत्युंजय पाण्डेय, सर्वेश तिवारी श्रीमुख, विवेक पाठक, राजीव रंजन भारद्वाज, दीपक पाण्डेय, नन्दीश्वर द्विवेदी राजन, आदित्य प्रकाश पाण्डेय, अवनीश तिवारी, मनिन्द्र पाण्डेय, प्रीतम पाण्डेय, राज शुक्ल, सतीश द्विवेदी, अमित पारिजात, सुधाकर सिंह, दुर्गाचरण पाण्डेय, धीरज सिंह, मास्टर सिंह, द्वारिका सिंह, विश्वकर्मा मांझी, रवि पंडित, जितेंद्र प्रसाद आदि लोग उपस्थित रहे।