गोपालगंज: गौरा पुरबवाड़ी मठ में चल रहा है सहस्त्र चंडी महायज्ञ, उमड़ रही है श्रद्धालुओं की भीड़
गोपालगंज: वैदिक मंत्रों के श्रवण से जीवन का कल्याण होता है। यज्ञ से मात्र मानव जीवन ही नहीं विश्व कल्याण होता है। प्रकृति के साथ हो रही छेड़छाड़ और वातावरण में बढ़ रहे प्रदूषण को नियंत्रित करने में यज्ञ का एक बड़ा योगदान होता है। उक्त बातें गौरा पुरब बाड़ी मठ पर चल रहे ग्यारह दिवसीय सहस्त्र चंडी महायज्ञ के सातवें दिन संत शिरोमणि बाबा विशंभर दास जी महाराज ने कही।
उन्होंने कहा की लोग मां दुर्गा से संतान की मांग तो करते हैं, लेकिन कोई यह नहीं कहता कि मां मुझे ऐसी संतान देना जो समाज के कल्याण में अपना जीवन समर्पित करे। सभी की यही मंशा रहती है कि जो संतान हो मुझे देखे। कलयुग के प्रभाव से ग्रसित आज की संतान तो समाज की बात दूर मां-बाप को ही छोड़ खुशी महसूस करते हैं। वहीं अर्धेन्दु जी महाराज ने कहा कि मां दुर्गा के सामने समर्पण ही भक्ति है। धर्मसम्मत आचरण करने से कभी कोई परेशानी नहीं आती है। व्यक्ति कर्म करते हुए यह नहीं सोचता कि इसका परिणाम क्या होगा।परिवार में शांति से ही सुख मिलता है। उन्होंने कहा कि नशा हमेशा से नाश का कारण रहा है। युवाओं में इसकी बढ़ती प्रवृत्ति चिंता जनक है। कहा कि जीभ(खाने और बोलने) पर नियंत्रण रखने वाला कहीं और कभी भी शासन कर सकता है। गलत बोलने से संबंध तो बिगड़ते हैं और गलत खाने से स्वास्थ्य खराब हो जाता है। कहा कि युवा पीढ़ी आज इंटरनेट, टीवी और मोबाइल के जाल से नहीं निकल पा रही है।
मौके पर सर्वेश्वर दास जी महाराज, मुख्य यजमान मणि दास जी महाराज, पूर्व कस्टम अधीक्षक रविन्द्र नाथ पाण्डेय, यज्ञाचार्य डॉ वीरेंद्र शुक्ला, वैदिक आचार्य राजेश पांडेय, प्रमोद मिश्र, डॉ वासुदेव मिश्रा, चंद्रशेखर द्विवेदी, भूपेश धर द्विवेदी, धीरज मिश्रा, भास्कर पाण्डेय आदि थे।