गोपालगंज: राष्ट्रीय लोक अदालत में निष्पादित किए गए 801 मामले, गठित किए गए थे कुल 18 पीठ
गोपालगंज: शनिवार को व्यवहार न्यायालय परिसर में लगाए गए राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह व समझौते के आधार पर 801 मामलों का निष्पादन किया गया। लोक अदालत के दौरान हर तरह के वाद का निष्पादन हुआ। लोक अदालत को लेकर कुल 18 पीठ का गठन कर न्यायिक पदाधिकारियों से लेकर पैनल अधिवक्ता व कर्मियों तक की तैनाती की गई थी।
न्यायालय के सभागार में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन जिला सत्र न्यायाधीश विष्णुदेव उपाध्याय, प्रधान न्यायाधीश राकेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी, एसपी आनंद कुमार, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष प्रेमनाथ मिश्र व सचिव शैलेंद्र कुमार तिवारी ने संयुक्त रूप से किया।
उद्घाटन समारोह के दौरान मौके पर मौजूद जिला जज व न्यायिक पदाधिकारियों ने आपसी समझौते के आधार पर अधिक से अधिक वाद का निपटारा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य लोगों को सस्ता और सुलभ नया तुरंत दिलवाना है। लोक अदालत अपने उद्देश्यों में तभी सफल होगा जब समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का सहयोग मिले। समारोह के बाद गठित किए गए पीठ के माध्यम से लंबित वाद के निष्पादन की कार्रवाई शुरू की गई। पूरे दिन चले इस लोक अदालत के दौरान सबसे अधिक बैंकों से संबंधित वाद का निपटरा किया गया। इस लोक अदालत को लेकर गठित किए गए 18 पीठ में न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा न्यायालय के कर्मियों की भी तैनाती की गई थी। लोक अदालत को लेकर पीठ में अपर जिला जज स्तर के पदाधिकारियों के अलावा सबजज व न्यायिक पदाधिकारियों की भी तैनाती की गई थी।
उद्घाटन समारोह में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव बालेंदु शुक्ला के अलावा तमाम न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा बैंकों के कर्मी, अधिवक्ता व सैकड़ों की संख्या में पक्षकार मौजूद रहे।
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक से जुड़े कुल 7428 मामले आए थे। इनमें से 356 मामलों का आपसी सुलह व समझौते के आधार पर निष्पादन किया गया। निष्पादित किए गए बैंक से जुड़े मामलों में दो करोड़ 16 लाख 26 हजार 259 रुपये की राशि पर सेटेलमेंट किया गया।
इनसेट
वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर कुल 8966 मामलों में पक्षकारों को नोटिस जारी किया गया था। इनमें बैंक से जुड़े मामलों की संख्या सबसे अधिक थी। लोक अदालत के दौरान बैंक के अलावा न्यायालयों में लंबित मामलों का भी निष्पादन किया गया।
लोक अदालत में बैंक वाद 356, अन्य केस 12, एमएसीटी वाद 1, फौजदारी वाद 380, श्रम वाद 4, विद्युत वाद 46, वैवाहिक वाद 2 का निष्पादन हुआ।