गोपालगंज में एईएस और जेई से नहीं हुई है एक भी बच्चे की मौत, सिविल सर्जन ने जारी किया बयान
गोपालगंज में अब तक किसी भी बच्चे की मौत चमकी बुखार( एईएस) और जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) से नहीं हुई है। किसी भी बच्चों में जेई और एईएस का मामला सामने नहीं आया है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने कही। उन्होने कहा कि अखबारों में प्रकाशित खबरों में तथ्य की कमी है। बिना किसी जांच रिपोर्ट के नहीं कहा जा सकता है कि बच्चों को मौत जेई से हुआ है। एईएस से मिलता-जुलता लक्षण हो सकता है। लेकिन जांच में सामने नहीं आया है। सभी पीएचसी को अलर्ट मोड में रखा जाय ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चों की जान बचाई जा सके। प्रत्येक बच्चा अनमोल है, एक-एक बच्चे का विशेष ख्याल रखना है। जिले के सभी पीएचसी में जेई/एईएस से बचाव हेतु सभी आवश्यक दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। आवश्यक दवाओं के साथ-साथ पैरासिटामोल, ओआरएस, विटामिन ए सहित ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया गया है। उन्होने कहा कि लक्षण के आधार पर बच्चों का उपचार किया जा रहा है। इसको लेकर विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। पीकू वार्ड में सभी सुविधाएं मुहैया करायी जा रही है। शिफ्टवाइज चिकित्सकों और कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है। बेड और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गयी है। ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गयी है। उच्च जोखिम वाले बच्चों को बेहतर उपचार के लिए चिकित्सकों द्वारा रेफर भी किया जा रहा है।
ऑक्सीजन की नहीं है कोई कमी: सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि जिले में ऑक्सीजन की कोई कमी नही है। ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की जान नहीं जायेगी। उन्होने बताया कि अखबारों में लिखा गया है कि ऑक्सीजन लेवल गिरने से मौत हई है, जब मरीज की हालत बिगड़ती है तो ऑक्सीजन लेवल डाउन होगा हीं। इसका कतई मतलब नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी। जिले में 500 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर भरा हुआ है। सभी बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही है।
अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान:
- अपने-अपने बच्चों को रात में बिना खाना खिलाएं नहीं साने दें।
- अगर कोई बच्चा शाम के समय में खाना खाया है और सो गया है तो उसे भी रात में जगाकर अवश्य खाना खिलाएं।
- बच्चों को रात में सोते समय अनिवार्य रूप से मीठा सामग्री यथा-गुड़, चीनी आदि खिलाएं।
- चमकी बुखार अधिकांशतः रात के 02 बजे से 04 बजे के बीच अक्रामक रूप लेता है।
- अगर चमकी के साथ तेज बुखार हो तो तुरंत क्षेत्र के एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका को सूचित करें।
- नजदीकी पीएचसी में ले जाकर समुचित उपचार कराएं