गोपालगंज

गोपालगंज में पिता ने अपने बेटे को मोबाइल गेम खेलने से किया मना, बेटे ने किया आत्महत्या की कोशिश

गोपालगंज: लॉकडाउन के दौरान स्कूल कॉलेज क्या बंद हुए। बच्चों के अंदर ऑनलाइन गेम खेलने की तलब लग गई। इसका असर ऐसा हो रहा है कि ये गेम खेलने का तलब बच्चों को मानसिक रूप से बीमार बना रहा है।

ताजा मामला गोपालगंज का है। जहां ऑनलाइन गेम खेलने से मना करने पर दो बच्चों ने ऐसा कदम उठाया कि उनके जान पर बन आयी है। दो अलग अलग मामले में दोनों बच्चों को गंभीर हालात में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से उन्हें गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया है।

पहला मामला माझागढ़ थाना क्षेत्र के रामनगर गांव का है। जहां 14 वर्षीय स्कूली छात्र राजन कुमार ने गले में फंदा लगाकर सुसाइड करने की कोशिश की। दरअसल पीड़ित छात्र राजन कुमार को उसके पिता ने ऑनलाइन गेम खेलने को लेकर फटकार लगाई थी। पिता ने अपने बेटे को मोबाइल में ऑनलाइन गेम नहीं खेलने की हिदायत दी थी। इसके बाद भी राजन कुमार नहीं माना। और वह लगातार ऑनलाइन गेम खेलता रहा। जिसको लेकर पिता ने जब बेटे को जमकर फटकार लगाई तब छात्र ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी की कोशिश की। पीड़ित छात्र को मांझागढ़ पीएचसी में भर्ती कराया गया। जहाँ से उसे सदर अस्पताल में रेफर कर दिया गया। यहां ईलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर रेफर कर दिया गया।

ऐसा ही मामला उचकागांव थाना क्षेत्र के अरना गांव का है। यहां पर 12 वर्षीय स्कूली छात्र छांगुर कुमार ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी की कोशिश की। छांगुर के पिता का नाम बलिटर साह है। बताया जाता है कि बलिटर साह का 12 वर्ष पुत्र छांगुर मोबाइल में गेम खेलने का आदी हो गया था। पिता को जब इसकी भनक लगी उन्होंने बेटे को फटकार लगाई। फटकार लगने से नाराज बेटे ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी की कोशिश की। जिसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए गोरखपुर रेफर कर दिया गया।

सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर पीसी सिन्हा ने कहा कि सदर अस्पताल में मांझागढ़ और उचकागांव थाना क्षेत्र से 2 मामले आए थे। दोनों मामलों में छात्रों ने गले में फंदा लगाकर खुदकुशी की कोशिश की थी। दोनो की नाजुक हालत को देखते हुए गोरखपुर रेफर कर दिया गया है।

गोपालगंज में ऑनलाइन गेम खेलने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी कई छात्र जानलेवा कदम उठा चुके हैं। जिसमे दो मामलो में दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है। बावजूद इसके नई पीढ़ी ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान जानलेवा कदम उठा के रहे है।

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