गोपालगंज: कोविड संक्रमण की रोकथाम के लिए टेस्ट, ट्रैक एवं ट्रीट की रणनीति सबसे बड़ा हथियार
गोपालगंज: कोविड 19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों में कोविड संक्रमण के मामलों में इजाफा देखने को मिला है. कोविड संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर कई राज्यों ने लॉकडाउन लगाया ताकि संक्रमण के प्रसार को रोका जा सके. अब लॉकडाउन हटा लिया गया है अथवा कुछ विशेष नियमों के साथ प्रतिबंध को ढ़ीला किया गया है. लॉकडाउन हटा लिये जाने के कारण लोगों की भीड़ बाजार में बढ़ी है. इससे संक्रमण के प्रसार की संभावना बढ़ सकती है. इस दिशा में भारत सरकार के गृह सचिव ने सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को कोविड अनुरूप व्यवहारों का अनुश्रवण तथा नियमित जांच व आवश्यक इलाज सुविधा मुहैया कराते हुए संक्रमण के प्रति सर्तक रहने के लिए कहा है.
गृह सचिव ने मुख्य सचिवों को लिखा पत्र: भारत सरकार के गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों व संघ प्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र के माध्यम से कहा है, हालांकि विभिन्न राज्यों में कोविड के एक्टिव मामलों में तेजी से कमी आयी है और इसे देखते हुए लॉकडाउन के नियमों में लोगों को छूट दी है एवं कोविड संक्रमण के मामलों की जमीनी स्तर पर स्थितियों का जायजा लेते हुए प्रतिबंध के नियमों को आसान किया गया है. लेकिन राज्यों व संघ प्रशासित प्रदेशों को यह सुनिश्चित करना है कि लॉकडाउन हटाने से पूर्व सभी तरह की प्रक्रियाओं की ध्यानपूर्वक जांच कर ली गयी है।
टेस्ट,ट्रैक एवं ट्रीट के नियमों के पालन पर बल: गृह सचिव ने कहा है प्रतिबंधों को हटाने के साथ यह महत्वपूर्ण है कि कोविड अनुरूप व्यवहार का अनुपालन, कोविड टीकाकरण तथा टेस्ट—ट्रैक—ट्रीट के नियमों का अनुपालन किया जा रहा हो. संक्रमण का प्रसार न हो इसके लिए कोविड अनुरूप व्यवहारों का लगातार अनुश्रवण किया जाता रहे. कोविड अनुरूप व्यवहारों में मास्क का इस्तेमाल, हाथों की सफाई, शारीरिक दूरी तथा कमरों में पर्याप्त वेंटिलेशन आदि नियम शामिल हैं. गृहसचिव ने आगाह किया है कि कई राज्यों में लॉकडाउन के हटने से बाजार आदि में पुन: लोगों की भीड़ जमा होने लगी है. इस दौरान कोविड अनुरूप व्यवहारों के नियमों का पालन नहीं हो रहा है. इसलिए यह जरूरी है कि इन नियमों के पालन हर हाल में करवाया जाना सुनिश्चित हो. वहीं संक्रमण के लंबे समय तक रहने की संभावना के कारण टेस्ट—ट्रैक—ट्रीट की रणनीति को प्रभावी बनाया जाना महत्वपूर्ण है. इसके लिए कोविड संक्रमण की जांच की संख्या में कमी नहीं आये तथा संक्रमण के विभिन्न लक्षणों पर नजर रखा जाये. साथ कोविड 19 टीकाकरण की गति को बढ़ाया जाये ताकि कोरोना की बढ़ती चेन को रोका जा सके।