गोपालगंज: आर्केस्ट्रा में अश्लील गाना का विरोध करने पर युवक की चाकू मार कर हत्या, दो गिरफ्तार
गोपालगंज के बैकुण्ठपुर थाने के गम्हारी गांव में बुधवार की देर रात आर्केस्ट्रा में अश्लील गाना का विरोध करने पर 19 वर्षीय एक युवक की चाकू घोंप कर हत्या कर दी गई। मृत युवक इसी गांव के रमेश सिंह का बेटा मंजीत कुमार सिंह था।
घटना के संबंध में बताया गया कि गांव के अपग्रेड हाई स्कूल परिसर में एक शादी समारोह के दौरान आर्केस्ट्रा का आयोजन चल रहा था। कुछ लोग आर्केस्ट्रा में भोजपुरी अश्लील गाने पर डांस करा रहे थे। जिसका मंजीत कुमार सिंह सहित कई लोगों ने विरोध जताया। विरोध करने पर मंजीत एवं इसी गांव के कमलेश कुमार यादव को चाकू मारकर घायल कर दिया गया। घटना के बाद आर्केस्ट्रा में भगदड़ मच गई। स्थानीय लोग दोनों घायल युवकों को लेकर इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैकुंठपुर में भर्ती कराए। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने मंजीत को सदर अस्पताल गोपालगंज रेफर कर दिया। सदर अस्पताल गोपालगंज पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने चिंताजनक स्थिति में उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। लेकिन तमकुही पहुंचते ही युवक की मौत हो गई। उसके बाद परिजन शव लेकर सदर अस्पताल गोपालगंज पहुंचे। जहां गुरुवार की सुबह पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव गम्हारि गांव पहुंचा शव पहुंचते ही पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया।
नगर थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर बीएन राय ने बताया कि मृतक के परिजनों ने गांव के ही 7 लोगों को नामजद किया है। जिसमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। और सभी आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है।
मंजीत कुमार सिंह की हत्या के बाद परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शव देखते ही ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। परिजनों की विलाप से पूरा इलाका गमगीन हो गया था। मंजीत अपने दो भाइयों में सबसे छोटा था। बड़े भाई अमरनाथ सिंह शिक्षक हैं। मंजीत की चार बहनें ममता, सुमंता, रंभा तथा लवली की शादी हो चुकी है। खेती- किसानी कर दोनों बेटों को पाल-पोसकर बड़ा करने वाले पिता रमेश सिंह अचानक हुई इस घटना से पूरी तरह स्तब्ध थे। मंजीत की मां सभा देवी बेटे की मौत की खबर सुनते ही मूर्छित हो गई। गुरुवार की सुबह से ही उनकी इलाज के लिए डॉक्टर लगाए गए थे। बचपन से ही मेधावी व होनहार मंजीत की मौत से आहत गम्हारी गांव के कई घरों में गुरुवार की सुबह चूल्हे नहीं जल सके। आसपास के लोग मंजीत के घर परिजनों को सांत्वना देने के लिए दिन भर पहुंचते रहे। परिजनों की चीख- पुकार से संत्वना देने वाले लोगों का कलेजा भी दो टूक हो रहा था।