गोपालगंज सदर अस्पताल में जल्द शुरू होगी बंद पड़ी 6 वेंटिलेटर, पटना से सदर अस्पताल पहुंचे ट्रेनर
गोपालगंज सदर अस्पताल में सांस लेने की तकलीफ के कारण मरीजों की थम रहीं सांसों को अब वेंटिलेटर का सहारा मिलेगा। सांस लेने की तकलीफ के चलते अब तक सदर अस्पताल में भर्ती दो दर्जन से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल में उपलब्ध 6 वेंटिलेटर को चालू करने की दिशा में प्रक्रिया शुरू कर दी है। वेटिलेटर चालू करने में चिकित्सक व तकनीशियन की कमी आड़े आने को देखते हुए चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने का तरीका बताने के लिए पटना से स्वास्थ्य विभाग के ट्रेनर सदर अस्पताल पहुंचे। पटना से आए ट्रेनर आठ जीएनएम व तीन चिकित्सकों को वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिए प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण समाप्त होने के साथ ही सदर अस्पताल में उपलब्ध सभी छह वेंटिलेटर को चालू कर दिया जाएगा। वेंटिलेटर चालू होने से मरीजों की थम रही सांसों को सहारा मिल जाएगा। जिससे सांस लेने में तकलीफ को लेकर भर्ती मरीजों की सांसें नहीं थमेंगी।
सदर अस्पताल प्रबंधक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल के एसएनसीयू में छह वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। चिकित्सक व तकनीशियन नहीं रहने से इन वेंटिलेटर को चालू नहीं किया जा सका है। इधर कुछ दिनों से कोरोना महामारी के बीच काफी संख्या में ऐसे मरीज अस्पताल पहुंचे रहे हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इन मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन चढ़ाया जाता है। लेकिन ऑक्सीजन चढ़ाए जाने के बाद भी कई मरीजों का ऑक्सीजन लेवल गिरता चला जाता है और उनकी मौत हो जाती है। जिसे देखते हुए एसएनसीयू में लगाए गए छह वेंटिलेटर को चालू करने की दिशा में पहल की गई है। सिविल सर्जन डॉ. योंगेंद्र महतो के डिमांड करने के बाद पटना से वेंटिलेटर का संचालन करने के लिए एक ट्रेनर को बुलाया गया है। पटना से आए ट्रेनर सदर अस्पताल के तीन चिकित्सक व आठ जीएनएम को प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वेंटिलेटर चालू कर दिया जाएगा तथा मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा मिलने लगेगी। इसके साथ ही चिकित्सक व तकनीशियन की कमी को दूर करने का भी प्रयास किया जा रहा है।