गोपालगंज में गंडक का विकराल रूप है जारी, सदर प्रखंड के कई गाँव गंडक में हो चुके है विलीन
गोपालगंज सदर प्रखंड के कई गाँव पहले ही गंडक में विलीन हो चुके है। यहाँ गंडक की भीषण तबाही की वजह से हर साल कोई न कोई गांव गंडक की भेट चढ़ जाता है और देखते ही देखते पूरा गाँव का गांव नदी में समां जाता है। ऐसे एक गांव का हाल जाना हमारे संवादाता ने।
सदर प्रखंड के खाप मकसूदपुर पंचायत का वार्ड नम्बर 12 अब पूरी तरह गंडक में समाने लगा है। यहाँ गंडक का विकराल रूप जारी है। जिला प्रशासन के द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक वर्तमान में जिले में गंडक में करीब साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का बहाव है। इतना पानी हाल के दिनों में गंडक में पहली बार आया है। गंडक के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव की वजह से सदर प्रखंड के खाप मकसूदपुर का वार्ड नम्बर 12 के सैकड़ो घर नदी में विलीन हो गए है। अभी भी करीब 50 – 60 घर या यु कहे झोपड़ियाँ बची हुई है। उन्हें बचाने के लिए ग्रामीण जद्दोजहद कर रहे है।
वार्ड नम्बर 12 के वार्ड सदस्य रामनाथ प्रसाद खुद कई लोगो के साथ अपने टूटे हुए झोपडी के पास इस उम्मीद में खड़े है की शायद कोई नाव लेकर आयेगा और वे अपने जरुरी सामान और परिवार के सदस्यों के साथ सुरक्षित तटबंधो पर जा सकेंगे। रामनाथ प्रसाद के मुताबिक जिला प्रशासन के द्वारा 2 नाव की व्यवस्था की गयी है। लेकिन वे इस उम्मीद में गाँव छोड़कर नहीं गए की शायद गंडक की धारा शांत हो जाएगी और वे अपने घर में रहकर दिन काट लेंगे। लेकिन अब गंडक की धारा में उनके वार्ड के सैकड़ो घर पानी में समां गए है। उनके सहित करीब 50 लोगो के घर अब पानी में समाने के करीब है। वे अब नदी से बाहर तटबंधो पर जाना चाहते है। लेकिन नाव नहीं उपलब्ध हो पा रहा है। नदी तेजी से उनके घरो का कटाव कर रही है। अब बाहर निकलने के अलावा कोई चारा नहीं है। लेकिन अब उन्हें नाव नहीं मिल रही है। जो नाव की व्यवस्था की गयी है। वे सिर्फ पहचान वालो के लिए ही उपलब्ध हो पा रही है। जिसकी वजह से सैकड़ो लोग गंडक से चारो तरफ से घिरे हुए है। रामनाथ प्रसाद अपनी आपबीती सुनाते रो पड़ते है। क्योकि अब उन्हें जरुरत है एक मददगार की। जो उन्हें गंडक की तेज धारा और जिन्दगी की मजधार से बाहर निकाल सके।