गोपालगंज: अब इंटीग्रेटेड आरसीएच रजिस्टर 2.0 में दर्ज होगा गर्भवती महिलाओं व शिशुओं का डाटा
गोपालगंज: प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अब इंटीग्रेट आरसीएच रजिस्टर 2.0 में योग्य दंपति, गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं का डाटा तैयार किया जायेगा। स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने आरसीएच(प्रजनन शिशु स्वास्थ्य) रजिस्टर को अपडेट किया है और नये आरसीएच रजिस्टर लागू किया है। नये आरसीएच रजिस्टर में पुराने रजिस्टर के तुलना में कई बदलाव किए गए हैं,जिससे अब एएनएम आसानी से अपना कार्य कर सकेंगी। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने सभी क्षेत्रीय अपर निदेशक और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। प्रजनन शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गाँव-गाँव गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की सेहत की जानकारी जुटाने के अलावा टीकाकरण और उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती रही हैं। एएनएम स्वास्थ्य केंद्रों के अधीन गाँवों में टीकाकरण और संस्थागत प्रसव कराने के अलावा गर्भवतियों और नवजातों का सर्वे करती हैं। इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र पर आकर रजिस्टर में जानकारी दर्ज करती हैं एवं रजिस्टर को स्वास्थ्य केंद्र में जमा करती है। फिर वहां के कंप्यूटर ऑपरेटर उस डाटा को आरसीएच पोर्टल पर अपलोड करते हैं।
इंटीग्रेटेड आरसीएच रजिस्टर में हुए हैं ये बदलाव: जिला मानसिक स्वास्थ्य के जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी जयंत कुमार चौहान ने बताया कि नए आरसीएच रजिस्टर कि कुछ विशेषताएं है । पहला इसमें समरी शीट का प्रावधान है,जिससे पंजी के अंदर योग्य दंपत्ति, गर्भवती माता को दी जाने वाली सेवाओं को निर्धारित स्थान पर प्रविष्टि तथा समय-समय पर अद्यतन करने मैं आसानी होगी। दूसरा योग्य दंपत्ति , गर्भवती माता के निबंधन के समय लाभार्थी स्टेटस का प्रावधान है। जिससे वास्तविक स्थिति (एक्टिव/गेस्ट/माइग्रेंट/इनएक्टिव) के साथ सेवाओं को देने में स्वास्थ्य कार्यकर्ता को आसानी होगी। तीसरा इंडेक्स का प्रावधान है, जिससे क्षेत्र अंतर्गत आने वाली योग्य दंपत्ति, गर्भवती माता की सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने तथा उसे अद्यतन करने में आसानी होगी। चौथा योग्य दंपत्ति, गर्भवती माता , नवजात शिशु से संबंधित सभी प्रकार की सेवाओं को देने तथा उसे ट्रैक करने की सुविधा दी गई है। इन सब के साथ पीएनसी( प्रसव उपरांत देखभाल) एचबीएनसी( गृह आधारित नवजात देखभाल), मैटरनल डेथ( मातृ मृत्यु), न्यू नेटल डेथ(नवजात मृत्यु) तथा अन्य की ट्रैकिंग व्यवस्था का प्रावधान पंजी में दी गयी है । पुराने पंजी में उपरोक्त सुविधा व्यवस्थित नहीं होने के कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ता को पंजी में योग्य दंपत्ति तथा गर्भवती माता को दी गई विभिन्न सेवाओं को अद्यतन करने कठिनाई होती थी। नए पंजी में पंजी संधारण में आ रही कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया गया है।
स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया प्रशिक्षण: जिला मानसिक स्वास्थ्य के जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी जयंत कुमार चौहान ने बताया कि नये इंटीग्रेटेड आरसीएच रजिस्टर को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए सभी मास्टर ट्रेनर को ऑनलाइन ट्रेनिंग दिया गया है। ट्रेनिंग में आरसीएच रजिस्टर और पोर्टल के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। जिसमें क्षेत्रीय अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी,एचएमआईएस सुपरवाइजर, आरसीएच के नोडल पदाधिकारी एसीएमओ, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक,जिला अनुश्रवण एंव मूल्यांकन पदाधिकारी, डीआरयू एंव संबंधित डेवलेपमेंट पार्टनर को मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दिया गया।
प्रखंडस्तर पर दिया जायेगा प्रशिक्षण: राज्य स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके मास्टर ट्रेनर जिलास्तर पर सभी बीसीएम और प्रखंड अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारियों को इंटीग्रेटेड आरसीएच रजिस्टर के बारे में प्रशिक्षण देंगे। उसके बाद सभी प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों द्वारा प्रखंडस्तर पर एएनएम और आशा को ट्रेनिंग दिया जायेगा। ताकि नये आरसीएच पोर्टल को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके।
आरसीएच रजिस्टर में दर्ज होगा पूरा ब्यौरा: मृत्यु दर में कमी लाने के लिए जच्चा तथा बच्चा दोनों का स्वस्थ्य रहना बहुत जरूरी है। इसी को लेकर यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं की देखभाल गर्भधारण करने के साथ ही शुरू हो जाती है और बाद में प्रसव के बाद तक नवजात के साथ प्रसूताओं की देखभाल की जाती है। इसमें टीकाकरण पर खास जोर दिया गया है। महिला के गर्भधारण करने के साथ ही उसको जरूरी टीके लगाए जाने हैं। बाद में नवजात को विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाने के लिए टीके लगाये जाने हैं। इस रजिस्टर में गर्भवती महिला से लेकर बच्चे के जन्म के बाद मां और बच्चे का समूचा ब्यौरा दर्ज रहेगा।