गोपालगंज

गोपालगंज: उद्यमी की पत्नी कर रही आमरण अनशन, समर्थन में आये उपेंद्र कुशवाहा और पप्पू यादव

गोपालगंज के भोरे में युवा व्यवसायी रामाश्रय सिंह की हत्याकांड में दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उनकी विधवा पत्नी सुनीता सिंह 6 जुलाई से आमरण अनशन पर बैठी हैं। अनशन की खबरों ने क्षेत्रीय और राज्य के रानजीतिक लोगों का ध्यान खींचा। आज दूसरे दिन जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के प्रभावशाली नेता पप्पू यादव भोरे स्थित अनशन स्थल पर अपना समर्थन देने आये। उनके जाने के कुछ घंटे बाद ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा भी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें न्याय की इस लड़ाई में अपना साथ देने का वादा किया। पूर्व में भी उपेंद्र कुशवाहा ने रामाश्रय सिंह के परिवार की तरफ से न्याय की मांग को अपना समर्थन दिया है और हमेशा प्रशासन और सरकार से इस बाबत सवाल करते रहे हैं।

पप्पू यादव ने अनशन कर रही सुनीता सिंह को न्याय की इस लड़ाई में अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। जैसे ही पप्पू यादव मंच पर अपना वक्तव्य समाप्त करके सुनीता सिंह से मिलने गए, वह फूट फूट कर रोने लगीं। पप्पू यादव ने उन्हें चुप कराया और उनके हाथों मंच पर ही मशाल जलवाया और सबके सामने यह ऐलान किया कि आज से न्याय की यह मशाल जलती रहेगी और जल्द ही इनके पति के हत्यारों को गिरफ्तारी होगी और उन्हें सजा मिलेगी। उन्होंने कहा, सुनीता मेरी छोटी बहन जैसी हैं, मैं इनका दर्द समझ सकता हूँ। इन्होंने जिसके साथ सपने देखे, अपराधियों ने वह साथी ही छीन लिया। लेकिन मैं इन्हें कहना चाहूंगा कि आप सपने मत तोड़िये, अपने पति के विकास के सपने को पूरा कीजिये, व्यवसाय को बड़ा कीजिये, आपके पति को न्याय ज़रूर मिलेगा। मैंने हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी पढ़ी है, मुझे आश्चर्य है कि स्पष्ट आदेश के बाद भी एसआईटी का गठन क्यों नहीं हुआ, दोषियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? मैं गोपालगंज के इस हालत को देखते हुए आज से इसे रक्तरंजित गोपालगंज कहूंगा।

पूर्व मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सुनीता सिंह कुशवाहा को न्याय की इस लड़ाई को सत्य और अहिंसा से लड़ने की हिम्मत दी और हमेशा उनके पूरे परिवार के साथ खड़े होने का वचन दिया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि वह राज्य और इस जिले की इस हालत से बहुत आहत हैं। मैं इस परिवार से शुरू से सम्पर्क में हूँ और लगातार सरकार और प्रशासन पर दबाव बना रहा हूँ और बनाता रहूंगा जबतक कि इन्हे न्याय नहीं मिल जाता।

दो कद्दावर नेताओं का यहाँ भोरे जैसे सीमान्त कस्बे में आना और पीड़ित परिवार के लिए अपना सहयोग और सहानुभूति देना काफी चर्चा में रहा। स्थानीय लोगों ने भी पूरे गोपालगंज में बढ़ रहे अपराध दर पर अपना रोष प्रकट किया और पीड़ित परिवार के साथ एक सुर में जस्टिस फॉर रामाश्रय सिंह मुहीम के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। सब व्यवसाय और व्यवसायियों पर मंडरा रहे अपराध के काले साए से त्रस्त दिखे। ज्ञात हो कि अनशन के पहले दिन के मुकाबले आज

दो कद्दावर नेताओं का यहाँ भोरे जैसे सीमान्त कस्बे में आना और पीड़ित परिवार के लिए अपना सहयोग और सहानुभूति देना काफी चर्चा में रहा। स्थानीय लोग भी पूरे गोपालगंज में बढ़ रहे अपराध दर पर अपना रोष प्रकट किया और पीड़ित परिवार के साथ एक सुर में जस्टिस फॉर रामाश्रय सिंह मुहीम के लिए अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। सब व्यवसाय और व्यवसायियों पर मंडरा रहे अपराध के काले साए से त्रस्त दिखे.

ज्ञात हो कि ज्यों ज्यों आमरण अनशन की बात गांवों गांवों तक गयी, लोग अपने अपने घरों से मानसून के मौसम में भी न्याय का साथ देने निकल पड़े। अनशन के पहले दिन के मुकाबले आज और अधिक संख्या में महिलाएं, बच्चे और पुरुष व्यवसायी के ही गउदाराम कोल्ड स्टोरेज पर आयोजित अनशन में पहुंचे थे। पीड़ित परिवार ने कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए गेट पर थर्मल स्कैनर से स्क्रीनिंग करने, उन्हें सैनीटाइज़र से विसंक्रमित करने के बाद मास्क देकर ही अंदर स्थल पर प्रवेश करने दिया। अंदर लोगों ने सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन भी किया। इतनी सावधानियों को देखकर वहां आये लोग एवं नेतागण ने पीड़ित परिवार की प्रशंसा की जो इतने दुःख और संघर्ष में भी समाज और लोगों का ख्याल रख रहा है।

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