गोपालगंज

गोपालगंज: मध्यप्रदेश से चली 37 मजदूरो का जत्था, ट्रक चालक ने दिखाई इंसानियत, मुफ्त में दिया लिफ्ट

गोपालगंज: कोरोना महामारी को लेकर लोगो की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रहा. महामारी का संक्रमण ज्यादा न फैले. इसके लिए केंद्र सरकार के द्वारा पुरे देश में लॉक डाउन की घोषणा कर दी गयी. लेकिन इस लॉक डाउन का अब साइड इफ्फेक्ट भी देखने को मिल रहा है.
बिहार के गोपालगंज में लगातार दूसरे राज्यो से कामगार मजदूरो के लौटने का सिलसिला जारी है. यहाँ आज भी करीब 1000 हजार से ज्यादा मजदूर यूपी की सीमा से गोपालगंज के जलालपुर चेकपोस्ट पहुचे है. यहाँ करीब 1000 हजार मजदूरो में से 37 मजदूरो का जत्था मध्यप्रदेश के भिंड से चले थे. वे वहा से पैदल ही चले थे. रास्ते में कुछ ट्रक वालो ने उन्हें लिफ्ट भी दिया. लिफ्ट देने वाले ट्रक चालको ने मानवीय आधार पर उनकी मदद की. उनसे कोई किराया नहीं लिया गया.

मजदूरो ने शामिल सुबोध रजक, निर्मल रजक जैसे करीब तीन दर्जन मजदुर वहा दो माह पहले सरसों की कटाई करने गए थे. एक माह पूर्व उनका कटाई का काम समाप्त हो गया था. वे एक माह से वही बिना काम के पड़े हुए थे.

निर्मल रजक ने बताया की वे मधेपुरा के रहने वाले है. उनके पास कुछ पैसे बचे थे. वे अपने घर वालो को भेज दिए थे. अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा था. लिहाजा वे पैदल ही मध्यप्रदेश से बिहार के लिए चल दिए. रास्ते में ट्रक वालो ने उन्हें जगह जगह लिफ्ट दिया. कही कही पुलिस वालो ने भी उनकी मदद की और मालवाहक ट्रको पर उन्हें बैठा दिया.

इसी जत्थे में शामिल सहरसा के मनोज शर्मा ने बताया की वे यूपी में रहकर मजदूरी करते थे. वे भी इसी जत्थे में शामिल होकर पैदल ही बिहार के लिए चल दिए. कही कही उन्हें यूपी पुलिस के जवान ड्यूटी करते मिले. उन्होंने पुलिस वालो से मदद की गुहार लगायी. यूपी पुलिस ने जा रहे ट्रक को रोकवाया और उन्हें बिहार आने में मदद की. जिस ट्रक में वे अपने 37 लोगो के साथ आ रहे थे. उस ट्रक को गुवाहाटी जाना है. उस ट्रक पर सामान लदा हुआ है. उसी के बीच वे लोग किसी तरह कई घंटे बैठ कर अपना सफर पूरा कर यहाँ बिहार की सीमा में आये गए है.
उनके पैर सूज गए है. दर्द से उनका बुरा हाल है. वे पेनकिलर खाकर अपना सफर पूरा कर रहे है. रास्ते में सिर्फ एक जगह खाने का सामान मिला था. वरना 5 दिनों का सफर वे भूखे पेट ही कर रहे है. अभी इस जत्थे में से कई लोगो को मधेपुरा जाना है तो कई लोगो को सहरसा और नागालैंड की सीमा में.

बहरहाल प्रवासी मजदूरो का अंतहीन सफ़र यूही जारी है.

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