गोपालगंज: पंचदेवरी के भठवा में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह मुशायरा में शायर व कवियों ने अपनी रचनाओं से बांधा समा
गोपालगंज: पंचदेवरी प्रखंड के भाठवा में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन सह मुशायरा का आयोजन किया गया। जिसमें देश के नामचिन दर्जनभर से अधिक कवियों ने अपनी रचनाओं को पढ़कर लोगों को मंत्र मुक्त कर दिया।
गोपालगंज के पंचदेवरी निवासी राष्ट्रीय कवि संजय ने अपनी रचना अहले ईमान हो गए हो क्या, यानी इंसान हो गए हो क्या’ चार दिन में बदल गई है सूरत, अब के प्रधान हो गए हो क्या। पढ़कर लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। गोरखपुर से आई महिला कवियित्री डॉक्टर चारू शीला सिंह ने अपनी रचना मरते रहे हैं इस धरा पर मरेंगे हरदम, सद्भाव शांति का हो सदा गाएंगे सरगम, राणा शिवा भगत के वंशजों की तो सुन लो, कहते हैं सदा लहरा लहरेगा यह परचम। वहीं गोरखपुर से ही आए कवि सुभाष चंद्र यादव ने अपनी रचना निगाहों में जब तक उजाले रहेंगे, तुम्हें जिंदगी हम संभाले रहेंगे व बस सास का अंतर है मरने और जीने में पढ़कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। गोपालगंज के युवा कवि सर्वेश तिवारी श्रीमुख ने अपनी रचना कैसे कह दूं गद्दारों ने तोड़ा था , मेरा घर मेरी यारों ने तोड़ा था, नफरत करने वालों की औकात न थी, देश मोहब्बत के नारों ने तोड़ा था। पढ़कर सभी के रोंगटे खड़े कर दिए। वहीं प्रदीप मिश्रा ने अपनी रचना बच गए थे जिसे हम बचाते हुए , वह डूब गया हमको डूबते हुए , कोई कमरा नहीं इसमें मेरे लिए ‘ भूल बैठा था मैं घर बनाते हुए पढ़कर खूब तालियां बटोरी।
हास्य और व्यंग्य के राष्ट्रीय कवि सुनील कुमार तंग ने अपनी रचना लगता है इस सदी का नया देवता हूं मैं , कुछ सोचकर हुआ है यह एहसास दोस्तों , लोगों ने ढूंढ ढूंढ के कमियां निकाल दी , बस खूबियां बची हैं मेरे पास दोस्तों। पढ़कर लोगों से खूब वाहबही लूटी। वही हास्य के भोजपुरी कवि हृदयानंद विशाल सहित अन्य कई कवियों ने अपनी रचना पढ़ी।
इससे पहले कार्यक्रम का उद्घाटन पंचदेवरी बीडीओ राहुल रंजन, सीओ तरुण कुमार रंजन व पिकेट प्रभारी राजेश राय ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर शशि रंजन श्रीवास्तव , रवि रंजन, रोहित रंजन, टीएन राय, डॉक्टर दुर्गा चरण पांडेय, डॉक्टर हरेंद्र लाल प्रसाद , संतोष पटेल आदि थे।