मुजफ्फरनगर में बस के कुचलने से 6 प्रवासी मजदूरों की मौत, सभी मजदूर पैदल लौट रहे थे बिहार
कोरोना काल प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रहा है. रहने-खाने की संकट के कारण मजदूर सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर है. इस दौरान कई प्रवासी मजदूर हादसे का शिकार भी हो जा रहे है. वहीं 24 घंटे के भीतर दो बड़े सड़क हादसे, एक उत्तर प्रदेश में और दूसरा मध्य प्रदेश में गुरुवार को देश के लिए एक झटके के रूप में सामने आया है. दो सड़क दुर्घटनाओं में 14 मजदूरों की जान गई है, मध्य प्रदेश के गुना में 8 और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में 6 मजदूरों की मौत हो गई है. मुजफ्फरनगर में हुए दर्दनाक सड़क हादसे के शिकार हुए सभी मजदूर गोपालगंज, आरा और पटना के रहने वाले बताये जा रहे हैं, जो हरियाणा से पैदल ही अपने घरों के लिए वापस लौट रहे थें. प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर- सहारनपुर हाइवे पर यह दर्दनाक सड़क हादसा हुआ. जहां पैदल अपने गांव जा रहे मजदूरों को एक तेज रफ्तार बस ने रौंद दिया. घायलों को मेरठ मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पुलिस के अनुसार हादसा रात में करीब 11:45 बजे घलौली चेकपोस्ट और रोहाना टोल प्लाजा के बीच में हुआ. हरियाणा के यमुनानगर से सभी मजदूर आ रहे थे. फ्लाइ फैक्ट्री में सभी काम करते थें. मजदूरी करने वाले श्रमिकों की टोली देर रात को पैदल सहारनपुर से होते हुए मुजफ्फरनगर की ओर जा रही थी. इसी दौरान कोई रोडवेज बस उन्हें कुचलते हुए फरार हो गई. हादसे में मरने वालों की शिनाख्त हरक सिंह (51), उनका बेटा विकास (22), गुड्डु (18), वसुदेव (22), हरीश (28) और विरेंद्र (28) के तौर पर हुई है. पुलिस उनके परिवार वालों से भी संपर्क करने की कोशिश में है.
वहीं गोपालगंज के भोरे थाने के रामनगर गांव के रहनेवाले चश्मदीद रूदल सहनी का आरोप है कि यूपी के सहारनपुर में एक आश्रम में सभी लोग रात होने पर रूक गये थे. लेकिन आश्रम के लोगों को जैसे ही पता चला कि ये सभी बिहारी मजदूर हैं, तो भगाने लगे. जिसके कारण रात में ही सभी को आश्रम से निकलकर पैदल चलना पड़ा. उसके बाद हादसा हुआ.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर-सहारनपुर हाइवे पर हादसे का शिकार हुए मृतक मजदूरों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा घायलों को भी 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा.