गोपालगंज पहुंचा महाराष्ट्र से 42 मजदूरो का जत्था, छोटे से ट्रक में एक पर एक लद कर किया सफर
गोपालगंज: कोरोना महामारी के बीच मजदूरो का अपने घर की तरफ वापसी का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है। यहाँ लगातार गोपालगंज की सीमा में प्रतिदिन करीब दो हजार से ज्यादा मजदुर पहुच रहे है। इन्ही मजदूरो के जत्थे में महाराष्ट्र के भिवंडी से 42 मजदूरो का जत्था एक छोटे से ट्रक से गोपालगंज के जलालपुर चेकपोस्ट पर पंहुचा है। बिहार की सीमा में प्रवेश करते ही मजदूरो की आंखे नम हो गयी। लेकिन उनके चेहरे पर सफ़र की थकान, भेड़ बकरियो की तरह ठूंस ठूंस कर बैठने की वजह से परेशानी का सबब उनकी आँखों में साफ देखा जा सकता था।
बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले पप्पू कुमार महाराष्ट्र के भिवंडी में रहकर मजदूरी करते थे। मजदूरी के दौरान ही देश में लॉक कोरोना महामारी को लेकर डाउन की घोषणा कर दी गयी। लॉक डाउन के बाद उनकी नौकरी खत्म हो गयी और पास में रखे सभी पैसे भी ख़त्म हो गए। पप्पू कुमार के मुताबिक उनकी तरह कुल 42 लोग है जो बिहार के मधुबनी, मधेपुरा सहित अन्य जिलो के है। सभी लोग भिवंडी में ही रहकर मजदूरी करते थे। लेकिन जब लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ने लगी तो उनकी हिम्मत टूट गयी। पप्पू कुमार के मुताबिक उन्होंने महाराष्ट्र से बिहार के सफ़र के लिए 4 हजार प्रति व्यक्ति की दर से 1 लाख 68 हजार का ट्रक का किराया चुकाया और वहा से 5 दिन पहले निकल गए। इस ट्रक में बैठने के लिए जगह भी नहीं थी। एक दूसरे के ऊपर लेटकर और बैठकर उन्होंने 4 से 5 दिन में साफर पूरा किया। वे चार दिनों से सोये नहीं है। रास्ते में कुछ खाने को मिल जाता था नहीं तो पानी पीकर ही यहाँ तक का सफर पूरा किया। अभी वे मधेपुरा और मधुबनी जिले में जायेंगे। यहाँ गोपालगंज में उनका रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उनकी स्क्रीनिंग करायी जाएगी और उसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा आवंटित गाड़ी से गृह जिले में भेजने की कवायद की जाएगी।
पप्पू कुमार सहनी की तरह राजेन्द्र कुमार, मुन्ना कुमार और ऐसे कई दर्जन लोग भी 4 हजार रूपये किराये चुकाकर इसी ट्रक से यहाँ तक पहुचे है। उन्होंने बताया की वे कई दिनों से भूखे थे। कोई काम धंधा नहीं था। गांव से किसी से पैसे उधार मंगाकर वे बदतर हालात में यहाँ तक पहुचे है।