बिहार में ट्रांसजेंडर्स को सेक्स चेंज कराने के लिए सरकार देगी पैसे
बिहार में ट्रांसजेंडर्स जिन्हें समाज में किन्नरो के तौर पर जाना जाता है को सेक्स चेंज के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी। यह घोषणा समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने विधानसभा में की। वे जदयू विधायक श्याम रजक के किन्नरों की समस्याओं को लेकर विधानसभा में सवाल उठाए गए सवाल का जवाब दे रहीं थीं।
श्याम रजक ने हाल के दिनों में ट्रांसजेंडर्स के साथ हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए पूछा कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिये क्या कर रही है। इसपर समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने कहा कि उनके कल्याण के लिए सरकार बड़े पैमाने पर काम कर रही है। उनकी इच्छा हेागी तो सरकार उन्हें लिंग परिवर्तन कराने के लिए भी आर्थिक सहायता देगी। सरकार ने ट्रांसजेंडर्स के कल्याण के लिए एक बोर्ड के गठन का भी फैसला लिया है
विधानसभा में हुई इस चर्चा के पीछे सोमवार को पटना में दो ट्रांसजेंडर्स के साथ हुई घटना है। दो ट्रांसजेंडर्स ने कोतवाली थाने में गुहार लगाई थी कि उन्हें हाथ में ढोल लेकर अपने समुदाय के लोगों के साथ घर-घर जाकर बधाइयां देना पसंद नहीं है। उन्हें शिक्षित बनना है। समाज के बीच अपनी पहचान बनानी है। लेकिन, उनके ही समुदाय के लोग पढ़ाई करने से रोक रहे हैं। दोनों ने कोतवाली थाना पहुंच इसकी शिकायत दर्ज कराई।
दोनों ट्रांसजेंडर्स एक प्रतिष्ठित महिला कॉलेज से मीडिया एंड एनीमेशन कोर्स के तहत कंप्यूटर की ट्रेनिंग ले रही हैं। सोमवार को जैसे ही दोनों कॉलेज से निकलीं, वैसे ही उनके समुदाय की एक टोली ने उन्हें जबरन ऑटो पर बिठा लिया। दोनों को शहर के अदालतगंज में गुरु कोठी के पास ले जाया गया, जहां समुदाय के अन्य लोग भी मौजूद थे। वहां अन्य ट्रांसजेंडर्स ने मिलकर दोनों के साथ बदसलूकी की। उन्हें पढ़ाई छोडऩे के लिए धमकी दी। कहा, अगर उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और पारंपरिक कार्यों को त्याग दिया तो बुरा अंजाम भुगतना पड़ेगा।
दोनों ने किसी तरह “दोस्ताना सफर” नामक एनजीओ के सचिव और ट्रांसजेंडर गुरु रेशमा प्रसाद को फोन किया, जिसके बाद वे मुक्त कराई गईं। दोनों रेशमा के साथ थाने पहुंचीं। रेशमा ने बताया कि बिहार में यह पहला मौका है, जब ट्रांसजेंडर्स को किसी महिला कॉलेज ने महिला माना और उन्हें सम्मान के साथ तालीम दी जा रही है।
सनद रहे कि दोनों ने 13 जनवरी को ही एडमिशन लिया है। दोनों की पढ़ाई की ललक को देखते हुए कॉलेज की ओर से आने-जाने का किराया भी दिया जाता है। पढ़ने से लेकर सीखने की हर चीज मुफ्त में कॉलेज ही मुहैया करा रहा है। दोनों ट्रांसजेंडरों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीसरे लिंग की मान्यता दी है। पढ़ने का अधिकार है तो भीख क्यों मांगें। वे पढ़-लिखकर डिजाइनर बनना चाहती हैं।