गोपालगंज

गोपालगंज में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सभी एएनएम व बीएमएनई को दी गयी ट्रेनिंग

गोपालगंज: अब हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत एएनएम भी तकनीकी रूप से दक्ष होंगी। वह अब पेपर लेस कार्य कर सकेंगी। इसको लेकर जिला स्वास्थ्य समिति एके सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. नन्दकिशोर प्रसाद सिंह ने किया। प्रशिक्षण शिविर में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत एएनएम और बीएमएनई को ट्रेनिंग दी गयी। सिविल सर्जन ने बताया कि गोपालगंज जिले के विभिन्न प्रखंडों के 16 स्थानों पर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का संचालन किया जा रहा है। जहां पर कार्यरत एएनएम को तकनीक से लैस किया गया है। प्रशिक्षण में टाटा ट्रस्ट के मास्टर ट्रेनर के द्वारा टैब चलाने, एप व फॉर्मेट भरने के बारे में जानकारी दी गयी। एएनएम को एनसीडी एप के बारे में विस्तार से बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि अगर परिवार में किसी को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, यक्ष्मा (टीबी) या कैंसर हुआ है, तो उस घर के युवकों के स्वास्थ्य की जांच की जायेगी। प्रशिक्षित आशा को एक सी-बैक फॉर्मेट दिया जायेगा, जिसे वे भरेंगी। इस मौके पर एनसीडीओ डॉ. संजय सिंह , जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम धीरज कुमार, डीपीसी सिद्धार्थ कुमार, एमएनई जयंत कुमार चौहान समेत अन्य चिकित्साकर्मी शामिल थे।

रजिस्टर संभालने से मिलेगी मुक्ति: स्वास्थ्य योजनाओं की गाँव में क्या-क्या प्रगति हो रही है इसकी एक रिपोर्ट एएनएम बनाती है। इस पूरी रिपोर्ट को एक रजिस्टर में दर्ज कर स्वास्थ्य विभाग को सौंपा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगता है ।अब ऐसा कुछ नहीं होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत अब सारी जानकारी स्क्रीन पर उपलब्ध रहेगी। टेबलेट में ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन डाटा दर्ज करने की सुविधा भी उपलब्ध है।

हर जानकारी होगी टेबलेट में दर्ज: एमएनई जयंत कुमार चौहान ने बताया कि यह योजना काफी सुखदाई होगी जो ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कैंसर जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर उनका फैमिली फोल्डर रहेगा । जन आरोग्य प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों में उसके पोषक क्षेत्र के परिवारों की फैमिली फोल्डर तैयार की जाएगी और रखा जायेगा।

आशा बनाती है फेमिली हेल्थ फोल्डर: समुदाय स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर क्षेत्र के सभी लोगों का सर्वेक्षण किया जाना है। सभी परिवारों के लिए फेमिली हेल्थ फोल्डर विकसित किया जाएगा, जिसमें 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी स्त्री-पुरुष का सीबैक (कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट) फार्म के जरिए गैर संचारी रोगों हेतु रिस्क असेसमेंट किया जाएगा।

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