लाहौर में तालिबान का आत्मघाती हमला, 70 की मौत
लाहौर में ईस्टर का उत्सव मनाए जाने के दौरान एक भीड़-भाड़ वाले पार्क में तालिबान के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट किया, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत कम से कम 70 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हो गए। लाहौर में इकबाल कस्बा इलाके के गुलशन-ए-इकबाल पार्क में ईसाइयों समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे तभी शाम छह बजकर चालीस मिनट पर विस्फोट हुआ। यह वीभत्स आत्मघाती हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़े एक समूह के जमातुल अहरार नामक आत्मघाती हमलावर ने किया।
समूह ने चारसादा अदालत में हुए विस्फोट सहित पहले भी कई बम विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। उनका कहना है कि वे पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर के हत्यारे मुमताज कादरी को दी गयी फांसी का बदला था। लाहौर के जिला समन्वय अधिकारी कैप्टन (अवकाश प्राप्त) मोहम्मद उस्मान ने कहा कि आज के विस्फोट के हमलावर का सिर बरामद कर लिया गया है। विस्फोट स्थल पर बॉल-बेयरिंग भी मिले हैं।
लाहौर के पुलिस उपमहानिरीक्षक हैदर अशरफ ने बताया, यह आत्मघाती हमला था। आत्मघाती हमलावर ने खुद को पार्क के भीतर उड़ा लिया। उन्होंने कहा, इसकी पुष्टि हो गयी है कि यह आत्मघाती विस्फोट था। विस्फोट में करीब 10 से 15 किलोग्राम विस्फोटक के इस्तेमाल की आशंका है।
उन्होंने इससे इनकार किया कि हमले में ईसाइयों को निशाना बनाया गया था। उन्होंने कहा, यह कोई ईसाई पार्क नहीं था। मरने वालों में ईसाई भी होंगे। पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा, मृतकों की संख्या 70 पहुंच गयी है। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पार्क एक आसान निशाना था। उन्होंने कहा, आतंकवादी बच्चों और अल्पसंख्यक समुदायों को अपने नापाक इरादों को पूरा करने के लिए निशाना बनाते हैं। पंजाब के मंत्री बिलाल यासीन ने कहा, मृतकों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि घायलों की हालत गंभीर है।
पंजाब पुलिस ने कहा कि आत्मघाती हमलावर ने खुद को झूलों के पास विस्फोट से उड़ाया। उन्होंने कहा, ऐसा लगता है कि आत्मघाती हमलावर का मुख्य निशाना बच्चे थे। पार्क लाहौर में पॉश इलाके में स्थित है। इसी शहर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का घर है। इसे अपेक्षाकृत शांत इलाका माना जाता है।
बचावकर्मियों के साथ मिलकर सेना भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी रही। लाहौर के सभी अस्पतालों में आपातस्थिति की घोषणा की गयी है। घायलों को रक्तदान के लिए लोगों से अपील की गयी।
अस्पताल में पीड़ितों में से एक सलीम शाहिद ने कहा, जब जोरदार विस्फोट हुआ मेरे दो बच्चे झूले पर थे। बच्चे और मैं जमीन पर गिर गया। मैं अद्र्धमूर्छित हो गया। जब चेतना आयी तो मैं बच्चों की तलाश में भागा। ऊपर वाले का शुक्र है वे जीवित हैं और उनके माथे पर चोट आयी।