बिहार

भूख से मौत फिर डीएम द्वारा लीपापोती शुरू

बरबीघा थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर आठ में भुखमरी के चलते जागो मांझी की मौत हो गयी। लेकिन जिलाधिकारी ने भुखमरी की घटना से इनकार किया है। बताया जाता है कि जागो मांझी अपनी विक्षिप्त पत्नी के साथ झुग्गी में रहता था। उसका इकलौता बेटा हरियाणा के ईट भठ्ठे पर काम करता है।

किसान सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि पिछले एक माह से वह लाचार होकर खटिया पकड़ लिया और उसके पास खाने को कुछ नहीं था, अंततः उसकी मौत हो गयी। मौत के बाद आलम यह था की शवदाह के लिए कोई आगे नहीं आया। अंत में वार्ड पार्षद मंटू सिंह ने पहल की और शवदाह की तैयारी 24 घंटे बाद प्रारम्भ हुयी।

वहीं इस मामले में डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया की मृत जागो मांझी की मौत बीमारी के कारण हुई थी। तथा दोनों पति -पत्नी वृद्धा पेंशन तथा अन्तोदय योजना के भी लाभार्थी हैं। उन्होंने भूखे मरने के दावे से इनकार करते हुए कहा की चूंकि 62 वर्षीय जागो मांझी की मौत के बाद उसकी शव को उसके बेटे की इंतजार में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर इस मामले को तूल दिया जा रहा है। वैसे स्थिति में सोशल मीडिया के व्हाट्सअप ग्रुप द्वारा संचालित बरबीघा चौपाल सहित एक अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है। इस मामले में एसडीओ सुबोध कुमार को जांच कर करवाई का आदेश दिया है। हालंकि इस तरह की घटना ने पूरी प्रशासन की नींद उड़ा दी है।

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