गोपालगंज में अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस का हुआ आयोजन, विद्यालयों में बच्चों को किया जागरूक
गोपालगंज में अंतरराष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया गया। जिले के विद्यालयों में स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा बच्चों को मानसिक रोग के कारण तथा उसके बचाव के बारे में जानकारी दी गयी। वहीं गोपालगंज मंडल कारा में शिविर का आयोजन किया गया। जहां पर कैदियों का स्वास्थ्य जांच किया गया। बच्चों में मानसिक रोग के नियंत्रण को लेकर अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
विद्यालयों में बताया गया कि मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक होते हैं। मानसिक लक्षण में मन उदास होना, पश्चाताप की भावना, नींद कम आना, किसी काम में मन न लगना, उलझन व घबराहट, निराशा भाव, वस्तुओं को रखकर भूल जाना एवं सिर दर्द आदि होते हैं।
जिला स्वास्थ्य समिति के एमएनई जयंत कुमार ने बताया कि वर्तमान में मानसिक रोग 15 से 22 साल के बच्चों में भी बढ़ रहा है और इसका कारण पारिवारिक कलह, मनचाही वस्तु न मिलना तथा परिवार के बड़े लोगों का साथ न मिलना आदि होता है। विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों आदि से उन्होंने कहा कि अपने स्कूल के मानसिक रोग से पीड़ित बच्चों पर विशेष ध्यान दें और बच्चों को मानसिक रोग बारे में विस्तार से जानकारी दें। अगर बच्चों में लक्षण दिखते हैं तो पहले काउंसिलिग कराएं और फिर जरूरत पड़ने पर उनका उपचार कराएं।
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मरीजों को किया गया जागरूक: जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले मरीजों व उनके परिजनों के मानसिक रोग के कारण एंव उनके बचाव के बारे में जानकारी दी गयी। सामुदायिक स्वास्थ्य ऑफिसर के द्वारा सभी को जागरूक किया गया। मरीजों व उनके परिजनों को पम्पलेट व पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया गया।
छोटी -छोटी बातों को इग्नोर करना जरूरी: छोटी -छोटी बातों को इग्नोर करना सीखें। किसी की बात बुरी लगे, तो उस बात को लेकर बैठें नहीं, बल्कि बात करके उसे समाप्त कर दें, क्योंकि कई बार ऐसी बातें अवसाद का कारण बनती हैं। पारिवारिक झगड़े और बेरोजगारी जैसी समस्या प्रत्येक इन्सान के जीवन में आती है, ऐसी समस्याओं के लिए जान देना सही नहीं है।
इस परेशानियों को न करें नजर अंदाज
• हमेशा दुखी, तनाव ग्रस्त, खालीपन, निराश महसूस करना
• अपराध बोध से ग्रसित होना और स्वयं को नाकाबिल समझना
• आत्महत्या का विचार आना, लगातार चिड़चिड़ापन
• स्फूर्ति में कमी और थकान महसूस करना
• सेक्स के प्रति अनिच्छा, भूख कम या अधिक लगना
• किसी से बात करने का मन न होना और अकले रहने की इच्छा
• एकाग्रता और याददाश्त में कमी, निर्णय लेने में परेशानी
• अकारण सिर दर्द, पाचन में कमी और शरीर में दर्द