गोपालगंज: रामाश्रय सिंह हत्याकांड सहित जिले में बढ़ रहे अपराध के खिलाफ माले का चक्का जाम
गोपालगंज के भोरे में हुए रामाश्रय सिंह हत्याकांड सहित जिले में बढ़ रहे अपराध के खिलाफ माले के भोरे बंद व चक्का जाम का मिलाजुला असर रहा। दोपहर तक भोरे बाजार पूर्णरूप से बंद रहा। लेकिन, उसके बाद कुछ दुकानें खुल गईं। सड़कों पर वाहन नहीं चले। बंद से स्कूली वाहनों व इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा गया था। बंद को देखते हुए एहतियातन कई थानों की पुलिस को तैनात किया गया था। माले कार्यकर्ता अपराधियों की गिरफ्तारी व डीएम- एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े हुए थे। बाद में बंद को अनिश्चितकालीन घोषित कर दिया गया।
ज्ञात हो कि 13 जून को भोरे के पेट्रोल पम्प व कोल्ड स्टोरेज मालिक रामाश्रय सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उनके बड़े भाई हरिनारायण सिंह के बयान पर नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। लेकिन अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इससे नाराज माले कार्यकर्ताओ ने भोरे बंद का आह्वान किया था। पार्टी कार्यकर्ता सुबह दस बजे ही सड़कों पर उतर आए। घूम- घूम कर दुकानों को बंद करा दिया। इसके बाद भोरे चारमुहानी को चारों तरफ से बंद कर दिया गया। जिससे भोरे – मीरगंज, भोरे – कटेया, भोरे – भिंगारी और भोरे – मिश्रौली मुख्य सड़क पर आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो गया। जाम स्थल पर ही एक नुक्कड़ सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव सुभाष पटेल ने कहा कि रामाश्रय सिंह की हत्या के तीन माह बीत जाने के बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होना, इस बात को साबित करता है कि नीतीश-मोदी की सरकार अपराधियों की संरक्षक है। इनौस राज्य परिषद सदस्य जीतेन्द्र पासवान ने कहा कि माले के बंद का कुछ दुकानदारों ने विरोध किया था। लेकिन भोरे के व्यवसायियों ने अपनी अपनी दुकानें बंद कर मुट्ठी भर व्यवसायियों के गाल पर करारा तमाचा मारा है।