अवैध शराब बनाने वालों को मिल सकती है फांसी की सजा
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी को लेकर कड़ा रूख दिखाते हुए कहा है कि प्रदेश में शराबबंदी को लेकर राज्य सरकार कड़ा कानून बना रही है। उन्होंने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विधानमंडल के इसी सत्र में सरकार इस प्रावधान के साथ बिल लाएगी। हालांकि इस संबंध में अब तक आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
उन्होंने कहा बिहार सरकार अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।सरकार इस सत्र में एक विधेयक लाने जा रही है, जिसमें अवैध शराब बनाने वालों को फांसी की सजा देने का प्रावधान होगा।
नीतीश कुमार ने कहा कि पदाधिकारियों ने उन्हें बताया है कि सुधा डेयरी के बूथ के लिए राज्य भर से 200 से अधिक आवेदन आए हैं और सभी शराब विक्रेता वहां पर बूथ खोलने चाहते हैं, जहां अभी शराब की दुकानें हैं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी से खास कर ग्रमीण क्षेत्रों में एक सामाजिक क्रांति आएगी। इससे लाखों गरीबों का घर तबाह होने से बचेगा। कमाऊ पुरुष के शराब पीने की आदत गरीब परिवार को तबाह कर देती है।
उन्होंने कहा कि शराब बंदी को लेकर 40 लाख प्रतिनिधि समाज में जाकरूकता कार्यक्रम चला रहे हैं। विदित हो कि ग्रमीण क्षेत्रों में एक अप्रैल, 2016 से पूरी तरह शराब बंदी लागू करने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। नए कानून में नकली शराब बनाने और बेचने के मामले पर मृत्यु दंड तक का प्रावधान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के 72 हजार सरकारी स्कूलों के बच्चे अपने पिता से शपथ-पत्र पर हस्ताक्षर लेंगे कि वे अब शराब का सेवन नहीं करेंगे।