गोपालगंज पुलिस को युवक ने नहीं दिया घुस, पुलिस ने हत्या के झूठे मुकदमे में गिरफ्तार कर भेजा जेल
जब गोपालगंज के विजयीपुर पुलिस को युवक ने 50 हजार रूपये का घुस नहीं दिया. तब तत्कालीन थानाध्यक्ष ने इस युवक को हत्या के झूठे मुकदमे में गिरफ्तार ही नहीं किया बल्कि हत्या का आरोप लगाते हुए इस व्यक्ति को जेल भेज दिया. अब हत्या के इसी मामले में गोपालगंज कोर्ट ने पीड़ित को बाइज्जत बरी कर दिया है. साथ ही पुलिस अनुसन्धान में जुड़े पदाधिकारियो के खिलाफ जांच का आदेश दिया है. यह युवक है 45 वर्षीय घनश्याम मिश्रा. विजयीपुर थानाक्षेत्र के कुर्थिया गाँव के रहने वाले घनश्याम मिश्रा ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए 07 साल से कोर्ट का चक्कर काट रहे है. घनश्याम मिश्रा के ऊपर विजयीपुर में वर्ष 2011 में किसी की हत्या का आरोप था.
पीड़ित घनश्याम मिश्रा के मुताबिक विजयीपुर थानाकाण्ड संख्या 08/2011 में उन्हें हत्या का आरोपी बनाया गया था. इसी हत्या के संगीन मामले में गोपालगंज कोर्ट के एडीजे 08, शोभाकांत मिश्रा की कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया है. पीड़ित ने बताया की विजयीपुर थानाध्यक्ष राजेश राय के द्वारा उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाया गया था. थाना में तैनात मुंशी ने उनसे 50 हजार रूपये की मांग की थी. जब उन्होंने घुस की राशि थानाध्यक्ष को नहीं दी. तब हत्या के एक मामले में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. जेल में एक माह की सजा काटने के बाद पटना हाई कोर्ट से पीड़ित को बेल मिला. बेल मिलने के बाद पीड़ित ने दोबारा इस मामले को लेकर डीजी गुप्तेश्वर पाण्डेय के पास दोबारा जांच की गुहार लगायी थी. लेकिन पुलिस द्वारा कोई राहत नहीं मिली.
अब गोपालगंज कोर्ट ने हत्या के इस झूठे मुकदमे में पीड़ित घनश्याम मिश्रा को आरोप मुक्त करते हुए बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया. इस फैसले के बाद पीड़ित में नयालालय के प्रति जहा आस्था बढ़ी है. वही पीड़ित के परिवार में ख़ुशी का माहौल है.
बचाव पक्ष के वकील शम्भू राय ने बताया की 08/2011 मामले कोर्ट में लाया गया. इस मामले में लम्बी बहस चली, जिसके बाद उनके मुवक्किल को कोर्ट ने बाइज्जत बरी करते हुए जांच पदाधिकारी सहित अनुसन्धान में जुड़े सभी पुलिस पदाधिकारियो के खिलाफ एसपी के माध्यम से नोटिस जारी किया है. साथ एसपी को दोषीओ के खिलाफ कारवाई करने का आदेश दिया गया है.