गोपालगंज में दो महिलाओ ने पेश किया अनूठा मिसाल, भीख मांगकर बनाया में दो-दो शौचालय
गोपालगंज में गुरुवार को सदर प्रखंड के कोंहवा पंचायत को खुले में शौच से मुक्त किया गया. इस मौके पर डीएम ने दो ऐसी महिलाओ को सम्मानित किया. जो महिलाये भीख मांगकर अपना परिवार चला रहा थी. लेकिन वे मोदी और नीतीश के स्वच्छ भारत अभियान से इस कदर प्रभावित हुई की भीख मंगाकर परिवार चलाने के बजाये पहले शौचालय के निर्माण का कार्य पूरा किया. अब भीख मांगकर परिवार चलाने वाली इन दो महिलाओ के घर में खुद का शौचालय है. जिसकी वजह से उन्हें अब शौच के लिए घर के दहलीज से बाहर नहीं जाना पड़ता. इन दो महिलाओ का नाम 55 वर्षीय मेहरून खातून और 60 वर्षीय जगरानी देवी है. ये दोनों महिलाये सदर प्रखंड के कोंहवा पंचायत की रहने वाली है.
जानकारी के मुताबिक ये महिलाये इधर उधर से भीख मांग कर अपने परिवार का गुजर बसर करती है. लेकिन केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन और बिहार सरकार की लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत हर गाँव और घर को खुले में शौच से मुक्ति अभियान से ये दोनों महिलाये इस कदर प्रभावित हुई है की वे भीख मांगकर अपने पंचायत में दो-दो शौचालय का निर्माण कर एक मिसाल पेश कर रही है.
पंचायत में मिसाल पेश करनी वाली इन दो महिलाओ को डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने कोंहवा पंचायत को ओडीएफ घोषित करने के मौके पर न सिर्फ सम्मानित किया. बल्कि आम लोगो से भी इसपर अमल करने की अपील की. डीएम ने दोनों महिलाओ को माला और शाल पहनाकर सम्मानित किया.
सम्मानित होने के बाद मेहरून खातून ने बताया की वे भीख मांगकर अपना परिवार चलाती है. आजतक उन्हें कभी सम्मान नहीं मिला. लोग उन्हें नफ़रत की निगाह से देखते थे. लेकिन आज सम्मानित होने के बाद उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है. उन्होंने कहा की सामान मिलता है. लेकिन इज्जत नहीं मिलता है. इसलिए वे भीख मांगकर शौचालय का निर्माण करवाई है.
मेहरून खातून की तरह इसी पंचायत की जगरानी देवी ने भीख मांगकर शौचालय का निर्माण करवाया है. जगरानी देवी को ढंग से हिंदी और भोजपुरी बोलने भी नहीं आता. लेकिन जगरानी ने अपनी कार्यशैली से उनलोगों को एक सबक जरुर दिया है की स्वच्छता के लिए बस जज्बे की जरुरत है. जिसे पूरा करने के लिए बस हौसले की उड़ान भरने की जरुरत है.