गोपालगंज

गोपालगंज में तीन सरकारी स्कूल को मिलाकर 45 छात्रो को पढ़ाने आते है 26 शिक्षक

बिहार के कई स्कूलों में जहा बच्चो को पढ़ाने के लिए शिक्षको की संख्या जरुरत से बहुत कम है. वही गोपालगंज में एक स्कूल ऐसा भी है. जहा महज 45 बच्चो को पढ़ाने के लिए 10 या 15 नहीं बल्कि 26 शिक्षक तैनात है. गोपालगंज शिक्षा विभाग में अंधेर नगरी कायम है.

गोपालगंज सदर प्रखंड का राजकीय मध्य विद्यालय मंगुरहा में न तो बच्चो को पढने के लिए कमरों की कमी है और न ही उन्हें पढ़ाने के लिए शिक्षको की. यहाँ गोपालगंज के दियारा इलाके में आलिशान स्कूल भवन है. यहाँ पर्याप्त स्कूल का परिसर भी है. जहा सैकड़ो नहीं बल्कि एक हजार से ज्यादा बच्चे बैठक रोजाना पढ़ाई कर सकते है. लेकिन इतनी पर्याप्त सुविधा होने के बावजूद यहाँ महज 45 छात्र है. इतने छात्र सिर्फ इस मिडिल स्कूल के नहीं है. बल्कि तीन स्कुलो के छात्रो की संख्या मिलाकर यहाँ छात्रो की संख्या सैकड़े के आकंडे को भी नहीं छू पाया है.

अपग्रेड मिडिल स्कूल मंगुरहा के प्राचार्य अनिरुद्ध कुमार राय के मुताबिक बाढ़ की वजह से कई गांवो में पानी फ़ैल गया है. जिसकी वजह से यहाँ तीन स्कूलों को टैग किया गया है. इस अपग्रेड मिडिल स्कूल में कमल चौधरी का टोला मिडिल स्कूल, खैरटिया – रामनगर मिडिल और हाई स्कूल और कटघरवा मिडिल स्कूल को टैग किया गया है. इसलिए उन सभी स्कुलो के शिक्षको को भी यही आकर बच्चो पढ़ाना पड़ता है. यहा वर्तमान में बच्चो की संख्या 45 से 50 के करीब है. सभी शिक्षक यहाँ आते है. सभी शिक्षको की संख्या यहाँ 26 है. जिसकी वजह से शिफ्ट में शिक्षको को क्लास में पढ़ाने के लिए भेजना पड़ता है.

खैरटिया – रामनगर मिडिल स्कूल की शिक्षिका बिंदु श्रीवास्तव का कहना है की बाढ़ आने की वजह से उनका प्र्तियोजन मिडिल स्कूल मंगुरहा में है. वे यहाँ प्रतिदिन ड्यूटी पर आती है. लेकिन जयादातर समय उनका बैठकर ही बीतता है. जब उनकी बारी आती है. तब वे क्लास में पढ़ाने में जाती है. कमोबेश बिहार का यह पहला मामला होगा जब प्रति 02 छात्र पढ़ाने के यहाँ एक शिक्षक तैनात है. जिसकी वजह से यहाँ आने वाले शिक्षको का ज्यादा समय यू इधर उधर टहलकर समय काटना पड़ता है.

प्राइमरी स्कूल कमल चौधरी का टोला की शिक्षिका कुमारी मधु का कहना है की उनके गाँव में बाढ़ का पानी आ गया है. जिसकी वजह से उस स्कूल में बच्चे पढने नहीं आते है. इसलिए उनको प्रतिनियोजन इसी स्कूल में हुआ है. वे प्रतिदिन यहाँ समय से आती है. और प्रतिदिन समय से घर वापस लौटती है.

अब बड़ा सवाल है की जब यहाँ तीन स्कूलों को जोड़कर छात्रो की उपस्थिति महज 45 है तो फिर यहाँ जरुरत से ज्यादा शिक्षको के प्रतिनियोजन का क्या औचित्य है.

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