गोपालगंज में युवाओं ने की अनूठी पहल, मुफ्त शिक्षा देकर संवार रहे बच्चों का भविष्य
आज भी ऐसे कई बच्चे हैं जिन पर शिक्षा की किरण नहीं पड़ी। आर्थिक रूप से कमजोर और अभावग्रस्त ये बच्चे परिवार के साथ मेहनत-मजदूरी करने में ही सारा वक्त गुजार देते हैं। ऐसे में उन बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का प्रयास करते हुए इंदरवा बैरम के युवाओं ने नयी पहल कर मिसाल प्रस्तुत की है। गांव के युवाओं की इस प्रयास के कारण न सिर्फ सैकड़ों बच्चों को प्राथमिक शिक्षा हासिल करने का अवसर प्राप्त हुआ है, बल्कि उनमें शिक्षा को पाने की ललक भी पैदा हुयी है। इंदरवा बैरम के युवाओं की नि:स्वार्थ प्रयास न सिर्फ बच्चों के जीवन में शिक्षा की रोशनी लेकर आयी, बल्कि वे दूसरे गांव के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गये हैं।
320 बच्चों को पढ़ाते हैं नि:शुल्क
गोपालगंज के इंदरवा बैरम में नि:शुल्क शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों की संख्या 320 हो चुकी है। गांव के इन बच्चों में अग्रेजी सीखने की होड़ लग गयी हैं और हर महीने उनके पास आने वाले बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। शिक्षक परवेज आलम बताते हैं कि अब बच्चों के घर वाले आकर उन्हें बताते हैं कि उनके बच्चे घर में अंग्रेजी में ही बात करने का प्रयास करते हैं जिसको एक सकारात्मक बदलाव माना जा रहा है। बच्चों के जीवन में शिक्षा का बदलाव लाने के लिए इरशाद अहमद, राज किशोर, परवेज आलम, मोतिउर रहमान, गुलाम सरवर, महताब आलम, सद्दाम हुसैन, मनोज कुमार, नैमुल्लाह अंसारी आदि ने सराहनीय पहल की है।
शिक्षा में इनपर अधिक फोकस
नि:शुल्क शिक्षा देनेवाले शिक्षक बच्चों की ग्रामर, उनकी रीडिंग स्किल और राइटिंग स्किल पर काम करते हैं जिसके काफी अच्छे परिणाम देखने को भी मिल रहे हैं। स्कूल में बच्चों के अंग्रेजी में नंबर अब अच्छे आने लगे हैं, उनका कॉन्फीडेंस लेवल बड़ रहा है। बच्चों के अंदर नयी-नयी चीजें सीखने की इच्छा पैदा हो रही है और अब बच्चों को भी शिक्षा का महत्व समझ आने लगा है।
कैसे आया पढ़ाने का आईडिया
गांव में सबकी मंशा तो थी कुछ करने की, लेकिन किसी के पास कोई ठोस आइडिया नहीं था। फिर सबने सोचना शुरू किया और तय हुआ कि गांव के किसानों की आमदनी भले बढ़ जाये, उन्हें अच्छा खाने पहनने को मिल जाये, लेकिन अभी भी उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है और इसके आभाव में वे आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। गांव के सगीर आलम, सैय्यद हसन, पूर्व मुखिया शेर आलम, इरशाद अहमद, राज किशोर, परवेज आलम जैसे लोगों ने मिलकर एक ग्रुप बनाया और उन्होंने तय किया सभी पढ़े लिखे बैक ग्राउंड से हैं और इसलिए वे हर रोज गांव में बच्चों को पढ़ायेंगे।
डॉक्टर ‘अंकल’ ने लिया क्लास
बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाने की जानकारी होने पर समाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले जिले के वरिष्ठ सर्जन चिकित्सक डॉ आलोक कुमार सुमन, सदर अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमर कुमार भी इंदरवा बैरम में पहुंचे। डॉक्टरों ने बच्चों के बीच कॉपी-कलम वितरण की। मौके पर डॉ आलोक ने गांव के लोगों की इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा कि शिक्षा पर सबका अधिकार है और यह सरकार का कर्तव्य है कि वो देश के हर बच्चे को मुफ्त में अच्छी शिक्षा मुहैया करवाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसी चीज है जो किसी का भी जीवन स्तर बदल सकती है।