“मेरे बेटे को हिंदू होने पर जलाया गया” मारे गए लड़के के पिता का आरोप
पुणे में गाडि़यों से बैटरियां चुराने के आरोप में जिंदा जलाए गए किशोर सावन राठोड के मामले ने साम्प्रदायिक मोड़ ले लिया है। मारे गए लड़के के पिता का कहना है कि उसके बेटे को हिंदू बताने के बाद जिंदा जला दिया गया। इस मामले में तीन लोग आरोपी हैं। वहीं एक वीडियो में लड़के के हिंदू होने के चलते जलाने की बात पर सहमति जताने की बात कही जा रही है। यह वीडियो लड़के के अस्पताल में भर्ती होने के दौरान बनाया गया है, ऐसा कहा जा रहा है। कुछ हिंदुत्ववादी संगठनों ने इस मामले में एटीएस से जांच की मांग की है। उनका दावा है कि जिस तरह से सावन राठोड को जलाया गया वह तरीका इस्लामिक स्टेट के आतंकियों से मिलता है।
गुरुवार को बंजारा समुदाय और हिंदू संगठनों ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर 27 जनवरी को प्रदर्शन करने की चेतावनी दी। वहीं मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपी इमरान व जुबेर तम्बोली और इब्राहिम शेख की पुलिस हिरासत 25 जनवरी तक बढ़ा दी। एफआईआर के अनुसार 13 जनवरी को कस्बापेठ में तीन आरोपियों ने 17 वर्षीय सावन राठोड को चोरी के आरोप में पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया था। पिछले शुक्रवार को सावन की मौत हो गई थी। वहीं सावन के पिता धर्मा राठोड का कहना है कि, ‘सावन एक सप्ताह पहले बहन से छोटा सा झगड़ा होने पर घर से चला गया था। घटना के बारे में पता चलने पर गुरुवार शाम को मैं अस्पताल पहुंचा। उसने जो मुझे बताया उससे लगता है कि उससे पूछा गया कि क्या वह हिंदू है। उसके हां बोलने पर उसे जिंदा जला दिया गया।’
पुलिस का कहना है कि मारे गए लड़के पर पूर्व में कोई मामला दर्ज नहीं था। वहीं बंजारा समुदाय के कुछ लोगों ने सावन का वीडियो होने का दावा किया है। इस वीडियो में सावन कह रहा है कि, ‘मैं अपने परिवार के साथ पंधापुर में काम करता था। झगड़े के बाद काम की तलाश में पुणे आ गया। पेशाब करने के दौरान तीन लोगों ने आपत्ति जताई और मेरा नाम पूछा। मैंने सावन राठोड बताया तो बोले हिंदू हो। मैंने हां कहा। इसके बाद उन्होंने मेरे ऊपर कैन से कुछ डाला और आग लगा दी।’ बंजारा क्रांति दल के प्रतिनिधि एडवोकेट रमेश राठोड ने कहा कि, ‘पुलिसवालों के बयान लेने से मना करने के बाद मैंने वह वीडियो रिकॉर्ड किया।’
इस बारे में डीसीपी तुषार दोषी का कहना है कि, ‘हमने तीनों आरोपियों का बैकग्राउंड चैक किया है। कोई साम्प्रदायिक लिंक नहीं मिला है। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मामले के पीछे उनकी मंशा साम्प्रदायिक थी। सावन को पकड़ने के बाद उन्होंने बैटरी चोरी को लेकर उससे पूछताछ की। इसके बाद उन्होंने उसे पेट्रोल पिलाया और आग लगा दी। एफआईआर दर्ज कराने के समय सावन ने साम्प्रदायिक मामले जैसी कोई बात नहीं बताई थी।’