गोपालगंज के भोरे में सिविल सर्जन के अचानक दौड़ा से अस्पताल में मचा हड़कप
गोपालगंज जिला के भोरे रेफरल अस्पताल में उस समय अफरा तफरी मच गई जब बिना बताये गोपालगंज सिविल सर्जन अस्पताल पहुचे। सिविल सर्जन ने अस्पताल के सभी जगहों पर नजर डाली। कुछ जगहों पर सी एस ने कुव्यवस्था देखी, उसको लेकर अस्पताल प्रबंधक को उसको ठीक व साफ सुधरा करने की नसीहत दी गयी। जबकि अन्य कर्मियो को अपना कार्य को अच्छी दिशा में करने की सलाह दिया।
गौरतलब है की भोरे रेफरल अस्पताल में गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार चौधरी व डी पि ऍम अरबिंद कुमार अचानक बिना बताये अस्पताल परिसर में पहुचे। जहाँ पर अस्पताल कर्मियो में अफरा तफरी मच गयी। सभी अस्पताल कर्मी एक दूजे का मुँह देखने लगे। सिविल सर्जन द्वारा पहले पुरे अस्पताल परिसर को घूम कर पूरी साफ सफाई देखे वही एक एक बिंदु पर अस्पताल कर्मियो को हिदायत भी देते रहे। जबकि अस्पताल के ओ पि डी में प्रवेश किये तो ओ पि डी में तीन डॉ अपनी जिम्मेवारी से मरीज देख रहे थे वही भोरे में सरकारी मोबाइल कई माह से बंद पड़ा है उसको लेकड़ उन्हनो ने इस कुव्यवस्था का जड़ बताया व अस्पताल प्रबंधक को कहा की अपना मोबाईल अगर बंद हो जाता है तो हम एक दिन के अंदर चालू करा लेते जबकि अस्पताल का नबर कई माह से बंद है इससे कई लोगो की जिंदगी जुडी रहती है और मोबाईल बंद पड़ा है जबकि दूसरे ओर मसीन को लेकर अस्पताल प्रबंधक को तुरन्त लगाने की नसीहत दी गई।
वही अकाउंटेड को आशा कार्यकर्ताओ का पेमेंट नहीं होने पर जमकर डॉट मिला और दस दिनों के अंदर आशा कारकर्ता को पेमेंट करने की नासिहद दी। वही अकाउंटेड को आगनबाड़ी सेविका को चेक देने पड़ सिविल सर्जन द्वारा बोला गया की जब आदेश नहीं था तब किस आधार पर आँगनबाड़ी सेविका को चेक दिया गया जबकि दूसरे तरफ डॉक्टर को सही तरीके से कार्य करने पर सिविल सर्जन ने उन डॉक्टरों की सरहाना भी की।
अस्पताल में दावा व सफाई को अच्छी तरह से वाहन करना चाहिए। जबकि सभी कार्यालय कर्मी को सलाह दिया गया की सभी लोग अपने कार्य सही रूप से करे व समय से अपने काम पे आवे अगर नहीं ए तो आप लोग अच्छी तरह समझ बुझ लिजिए। अस्पताल प्रबंधक को को एल ई डी बल्ब वार्ड में लगाने को दो दिन के अंदर कहा। जबकि दो माह पहले आशा का पेमेंट नहीं होने पर अकॉन्टेड का पेमेंट जिला पदाधिकारी द्वारा रोक गया था फिर भी इतना होने के बाद अकाउंटेड अभी तक पेमेंट नहीं किया। जिसकी लेकर सिविल सर्जन द्वारा कहा गया की जब जिलाधिकारी का तुम बात नहीं माने तो अब तुम्हारे साथ क्या किया किया जाय।