देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी टीसीएस ने बिहार का पहला बीपीओ सेंटर खोला
राज्यों में बीपीओ सेंटर खोलने की केंद्र की कोशिशों के नतीजे अब दिखने लगे हैं। गुरुवार को बिहार के पटना में टीसीएस के एक हजार सीटों वाला बीपीओ आधिकारिक तौर पर शुरू हो गया।
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद पटना के टीसीएस बीपीओ का गुरुवार को औपचारिक उद्घाटन किया। इससे करीब साढ़े चार हजार युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यही नहीं केंद्र की इंडिया बीपीओ प्रमोशन स्कीम के तहत बिहार के अन्य शहरों में भी कुछ बीपीओ खोले जाने की तैयारी चल रही है।
केंद्र सरकार ने एसटीपीआई के द्वारा पुरे भारत में करीब 48000 ऐसे बीपीओ खोलने की योजना बनाई है। इन 48000 सीटों वाले इस बीपीओ में करीब 72,450 वैकेंसी होने की संभावना है। केंद्र सरकार इस योजना के द्वारा 20 राज्यों और 50 शहरों में बीपीओ सेक्टर खोलेगी। सरकार की इस पहल को छोटे शहरों में बीपीओ क्रांति के रूप में माना जा रहा है।
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन आने वाले सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के जरिए इंडिया बीपीओ स्कीम की शुरुआत की थी। इसके तहत बीपीओ लगाने वाली कंपनियों के एकमुश्त निवेश पर पचास फीसद सब्सिडी देने का प्रस्ताव है। हालांकि इसके लिए एक लाख रुपये प्रति सीट की अधिकतम सीमा है।
पटना के लिए इस स्कीम के तहत एसटीपीआइ ने 4600 सीटें आवंटित की थी। इनमें से 1910 सीटों वाले बीपीओ पहले ही शुरु हो चुके हैं।
एसटीपीआइ के महानिदेशक डॉ. ओमकार राय का कहना है कि टीसीएस के पटना जाने का मतलब है कि बाकी बिहार बीपीओ उद्योग के फलने फूलने की संभावनाएं बढ़ना। डॉ. राय ने बताया कि जल्दी ही मुजफ्फरपुर और दलसिंह सराय में भी सौ-सौ सीटों का बीपीओ जल्द शुरू हो जाएगा। इसके अतिरिक्त दरभंगा और भागलपुर में भी इसी तरह के बीपीओ के लिए मंजूरी मिल चुकी है। हालांकि इनके लिए जमीन तलाशने का काम अभी शुरु हुआ है।