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शरीयत कारणों के बिना तीन तलाक देने वालों का हो सामाजिक बहिष्कार- पर्सनल लॉ बोर्ड

देश में तीन तलाक के मुद्दे पर सियासत थमने का नाम नही ले रही है। जहां एक तरफ केंद्र सरकार वहीं दूसरी तरफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है। तीन तलाक पर स्पष्ट करते हुए मुस्लिम बोर्ड ने आज कहा कि वो इस मसले को शरीयत के रोशनी में ही देखेंगे और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपनी राय रखेंगे। बोर्ड ने कहा कि जिन महिलाओं के साथ तीन तलाक में अन्याय हुआ है, वो उनकी हरसंभव मदद करेंगे। बोर्ड ने कहा कि हमने सर्वे किया है कि तीन तलाक के मुद्दे को जितना बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा है, असल में उतना संगीन नहीं है।

बोर्ड का मानना है कि सोशल मीडिया का ज्‍यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर इस्लाम और शरीयत के खिलाफ बनाया गया भ्रम दूर किया जाएगा। हमने देश में सबसे बड़ा सिग्नेचर कैम्पेन लॉन्च किया है और जो आंकड़े आए हैं, उसमें 5 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने शरीयत के साथ रहने पर अपनी सहमति जताई है। मुस्लिम बोर्ड ने साफ किया कि शरीयत कारणों के बिना तीन तलाक देने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।

मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का कहना कि शरीयत के हिसाब से हमेशा निकाह का रिश्ता कायम रहे, लेकिन मियां-बीवी में विवाद होने पर आचार संहिता जारी हो रहा है। इसके साथ ही बोर्ड ने कहा कि मुसलमान शादियों में फिजूलखर्ची से बचें। मां-बाप बेटियों को दहेज देने की जगह अपनी संपत्ति में हिस्सा दें।

वहीं तीन तलाक के मुद्दे को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहली बार बोले। भुवनेश्वर में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है। इसके लिए हमे सोचने की जरुरत है।

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