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कानपुर के रजत सेठी के रूप में मिल भाजपा को नया प्रशांत किशोर

असम में कमल खिला है। 126 सीटों की विधानसभा में भाजपा को 86 सीटें मिली हैं। 2011 के चुनाव से भाजपा ने 59 सीटें बढ़ा ली हैं। इस जीत के बाद लोगों को एकबार फिर 2014 के लोकसभा चुनावों की याद आ गई। उन चुनावों में सभी को चौंकाते हुए भाजपा ने पूर्णबहुमत प्राप्त किया था। उस जीत के हीरो माने जा रहे थे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर। जो बाद में कांग्रेस के साथ जुड़ गए। लेकिन असम विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद लगता है भाजपा को रजत सेठी के रूप में प्रशांत किशोर मिल गया है। असम में रजत की चुनावी रणनीति ने सभी को प्रभावित किया।

रजत यूपी के कानपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। रजत ने हार्वर्ड से भी पढ़ाई की है। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में ग्रेजुएशन किया। 2012 में रजत हार्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट करते थे। एक बार भाजपा नेता राम माधव वहाँ गए तो उन्होंने रजत से संपर्क किया और भाजपा ज्वाइन करने का आग्रह किया। उसके बाद रजत भारत लौट आए और प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा बन गए।

रजत सेठी की रणनीति में कई ऐसी अहम बातें थीं जिन्होंने भाजपा को पूर्ण बहुमत दिला दिया। उनकी रणनीति का अहम बिंदु थे…

  • रजत ने नवंबर से ही असम के लिए कैंपेन शुरू कर दिया था। तब से उन्होंने लगातार कांग्रेस को घेरना शुरू किया जिससे वो जवाब देने से कभी उभर ही नहीं पाई।
  • उनकी टीम ने 175 से ज्यादा आरटीआई लगाकर निवर्तमान मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के खिलाफ माहौल का फायदा उठाया।
  • प्रचार के दौरान सर्वानंद सोनोवाल के सामने गोगोई की जगह किसी छोटे नेता का फोटो लगाया जाता था। जैसे- उन्होंने कई जगह बदरुद्दीन अजमल की फोटो का इस्तेमाल किया। इसका फायदा ये हुआ कि गोगोई की रिकॉल वैल्यू कम हो जाए।

रजत सेठी की पांच लोगों की टीम ने असम चुनाव में जी-जान से मेहनत की और परिणाम सबके सामने है। उनकी टीम में आईआईटी खड़गपुर के आशीष मिश्रा हैं। इसके अलावा दो और आईआईटीएन आशीष सोगानी और महेंद्र शुक्ला हैं। रजत की टीम में दो सदस्य प्रशांत किशोर की टीम में अनुभव रखने वाली भी हैं। शुभ्रास्था शिखा और बादल चेतन।

रजत अगर आने वाले पंजाब और यूपी विधानसभा चुनाव में भी अपनी रणनीति से अच्छी सीटें दिला पाते हैं तो मानना ही पड़ेगा कि भाजपा को नया प्रशांत किशोर मिल गया है।

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