अफगानिस्तान में अमेरिका ने ISIS पर अब तक का सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया
अमेरिका में अपने राष्ट्रपति के चुनाव के दौरान और राष्ट्रपति बनने के बाद भी डॉनल्ड ट्रंप ने सबसे खुंखार आतंकी संगठन ISIS को कत्म करने की चेतावनी दी थी। अब उस चेतावनी पर ट्रंप ने कार्रवाई शुरु कर दी है। अफगानिस्तान में अमेरिका ने ISIS के ठिकानों पर दुनिया के सबसे बड़े बम से हमला किया है।
अफगानिस्तान में सुरंगों और बंकरों में छिपे ISIS के आतंकियों को तबाह करने के लिए अमेरिका ने गैर परमाणु बम GBU-43 गिराया। इस बम में तकरीबन 11 हजार किलोग्राम का विस्फोटक भरा था। अमेरिका ने अफगानिस्तान में नांगरहार प्रांत के अचिन जिले में गिराया है। ये जगह पाकिस्तान के पेशावर से महज 115 किलोमीटर दूर है।
इस कार्रवाई के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा उन्होंने अफगानिस्तान में बम गिराने की अनुमति दी थी। और इस अभियान को बेहद कामयाब बताया है।
व्हाइट हाउस में ट्रंप ने कहा ये वाकई में सफल अभियान रहा। हमें हमारी सेना पर गर्व है। उन्होंने आगे कहा हमें नहीं पता कि इससे उत्तर कोरिया को संदेश मिलता है या नहीं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता। इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा बम अफगानिस्तान में स्थानीय समय के मुताबिक शाम करीब सात बजे गिराया गया।
अफगानिस्ता में ISIS को तबाह करने के लिए अमेरिका ने जिस बम का इस्तेमाल किया है उसका नाम GBU-43 है। पहली बार अमेरिका ने इस बम का इस्तेमाल किया है। इस बम में 11 टन विस्फोटक था। इस बम को गिराने के लिए MC-130 एयरक्रफ्ट का सहारा लिया गया। अमेरिका ने जिस GBU-43 को ISIS पर गिराया है उसे मदर ऑफ ऑल बम कहा जाता है।
इस विशालकाय बम के इस्तेमाल का मकसद अफगानिस्तान के नांगरहार में ISIS की गुफाओं और बंकरों को तबाह करना था। इन गुफाओं में ISIS के आतंकियों ने पनाह ले रखी थी। पिछले हफ्ते ISIS के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अमेरिका का एक सैनिक नांगरहार में मारा गया था। माना जा रहा है उसी के बाद इस कार्रवाई का फैसला लिया गया।