गोपालगंज के युवाओं द्वारा आवाज़ उठाने के बाद रेलवे स्टेशन पर उर्दू में लिखे नाम में हुआ सुधार
बड़ी लाइन बनने के बाद गोपालगंज रेलवे स्टेशन का सौन्दरीकरण का काम चल रहा है। इसी कड़ी में स्टेशन के मुख्य बोर्ड पर स्टेशन का नाम इंग्लिश, हिंदी और उर्दू में लिखा गया है। लेकिन उर्दू में लिखा हुआ नाम सरासर गलत था जिसे पढ़ने के बाद जिले के शिक्षक फरीद आलम और सऊदी में गोपालगंज के कार्यरत इंजीनियर शाहिद कैशर ने बोर्ड पर गलत लिखे नाम की तस्वीर ले कर फेसबुक और ट्विटर पर रेल मिनिस्टर सहित तमाम सम्बंधित अधिकारियों को मेंशन करके पोस्ट की जिसे फौरन संज्ञान में ले कर उर्दू में गलत लिखे नाम को रेलवे ने सुधार दिया है।
बताते चलें कि बिहार में उर्दू दूसरी सरकारी भाषा है। आम तौर पर देखा जाता है कि सम्बंधित राज्य में स्थित रेलवे के बोर्ड पर वहां की स्थानीय या सरकारी भाषा में नाम अंकित रहता है।