बीएसएससी परीक्षा रद्द कर दुबारा परीक्षा आयोजित करे सरकार – सुशील मोदी
बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की परीक्षा में लगातार दूसरी बार पेपर लीक होने से बिहार में प्रतियोगिता परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है। टॉपर घोटाले के भंडाफोड़ और उसके पहले मैट्रिक की परीक्षा में खुलेआम हुई नकल की घटना से बिहार जहां पूरे देश में शर्मसार हुआ वहीं अब नौकरी के लिए आयोजित परीक्षाओं पर से भी परीक्षार्थियों का भरोसा खत्म हो गया है। मकरसंक्रांति के दौरान हुए हादसे की तरह इस मामले को भी जांच के बहाने दबाने की जुगत में लगी सरकार अविलम्ब परीक्षा रद्द कर दुबारा आयोजित करे ताकि लाखों छात्रों के भविष्य को बचाया जा सके।
दरअसल महागठबंधन सरकार में हर स्तर की परीक्षाओं की विश्वसनीयता संकट में पड़ गई है। टॉपर घोटाले व जेई भर्ती घोटाले की तरह ही बीएसएससी की परीक्षा के पर्चा लीक होने के मामले को भी पहले सरकार द्वारा स्वीकार नहीं करना फिर मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित खबरों के दबाव में जांच का आदेश देना पर्चा लीक कराने के गोरखधंधे में लगे गिरोह को बचाने की कवायद है जबकि नवादा, पटना व अन्य जगहों से इस मामले में 30 से ज्यादा घंधेबाज पकड़े जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री बतायें कि 20 दिन से ज्यादा होने के बावजूद मकरसंक्रांति के मौके पर हुए हादसे की जांच रिपोर्ट जो दो दिन में आ सकती थी आज तक क्यों नहीं सार्वजनिक हो सकी है? टॉपर घोटाले को भी सरकार ने तब तक स्वीकार नहीं किया जब तक मीडिया ने एक टॉपर छात्रा का इंटरव्यू प्रकाशित कर हकीकत उजागर नहीं किया। बीएसएससी पर्चा लीक मामले को सरकार जांच के नाम पर टालने के बजाय परीक्षा रद्द कर दुबारा आयोजित करे।