विदाई भाषण में भावुक हुए ओबामा, बोले- मुस्लिमों से भेदभाव नामंजूर
आठ साल तक अमेरिका के प्रेसिडेंट रहे बराक ओबामा ने आज शिकागो में आखिरी बार अपने देश के लोगों को संबोधित किया। अपनी फेयरवेल स्पीच में ओबामा ने कहा कि मेरी पत्नी मिशेल और मुझे पिछले कुछ दिनों से शुभकामनाएं मिल रही हैं। ओबामा ने कहा, ‘आज मैं शुक्रिया कहना चाहता हूं, हर दिन मैंने आपसे सीखा,आप लोगों ने मुझे बेहतर राष्ट्रपति और इंसान बनाया’ ओबामा का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है
बता दें कि जब शिकागो में राष्ट्रपति बराक ओबामा लोगों को संबोधित कर रहे थे तो उस दौरान उनकी आंखें भर आईं। उन्हें देख पत्नी मिशेल और बेटी की आंखों में आंसू आ गए। ओबामा ने मिशेल से कहा कि पिछले 25 सालों से तुम सिर्फ मेरी पत्नी और बच्चों की मां ही नहीं हो, बल्कि मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी हो। तुमने अपनी भूमिका खुद ली, इसके लिए किसी ने तुम्हें नहीं कहा था। तुमने इस जिम्मेदारी को पूरे धैर्य, अच्छी शैली और खुशीपूर्वक निभाया।
ओबामा ने कहा कि अमेरिका के एक बेहतर और मजबूत बना है जबसे हमने शुरू किया है। पिछले आठ साल में एक भी आतंकी हमला नहीं हुआ। हालांकि उन्होंने कहा कि बोस्टन और ऑरलैंडो हमें याद दिलाते हैं कि कट्टरता कितनी खतरनाक हो सकती है। हमारी एजेंसियां पहले से कहीं अधिक प्रभावी हुई हैं। आईएसआईएस खत्म होगा। अमेरिका के लिए जो भी खतरा पैदा करेगा, वो सुरक्षित नहीं रहेगा। ओसामा बिन लादेन समेत हजारों आतंकियों को हमने मार गिराया है। अपनी भाषण में ओबामा ने कहा कि मैं मुस्लिम अमेरिकियों के खिलाफ भेदभाव को अस्वीकार करता हूं। मुसलमान भी उतने देशभक्त हैं, जितने हम।
बराक ओबामा ने कहा कि मैंने सीखा है कि परिवर्तन तभी होता है जब आम आदमी की भागीदारी हो और मांग के लिए सभी एक साथ आते हों। लोकतंत्र के लिए एकजुटता की एक बुनियादी भावना की आवश्यकता होती है। हम गिरें या उठें हमें साथ होना चाहिए। आने वाले 10 दिन में देश एक बार फिर हमारे लोकतंत्र की ताकत देखेगा कि कैसे एक चुना हुआ राष्ट्रपति सत्ता संभालता है। लोकतंत्र के लिए काम करना हमेशा से मुश्किल रहा है। ओबामा ने देश में लोकतंत्र को नस्लवाद,असमानता और नुकसानदेह राजनीतिक माहौल से खतरा बताते हुए अमेरिकियों से इसकी रक्षा के लिए एकजुट होने का आह्वान किया है। जब हम भय के सामने झुक जाते हैं तो लोकतंत्र प्रभावित हो सकता है। इसलिए हमें नागरिकों के रूप में बाहरी आक्रमण को लेकर सतर्क रहना चाहिए। हमें अपने उन मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए जिनकी वजह से हम वर्तमान दौर में पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि आखिर संबोधन में ओबामा ने कहा कि घर आकर अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि बदलाव तभी होता है जब आम आदमी इससे जुड़ता है। आम आदमी ही बदलाव लाता है। हर रोज मैंने लोगों से कुछ न कुछ सीखा। हमारे देश के निर्माताओं ने हमें अपने सपने पूरे करने के लिए आजादी दी। हमारी सरकार ने यह प्रयास किया कि सबके पास आर्थिक मौका हो। हमने यह भी प्रयास किया कि अमेरिका हर चैलेंज का सामना करने के लिए तैयार रहे।