चीन आया आतंकवादियों के समर्थन में, मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ
आतंकवाद से जहां पूरी दुनिया त्रस्त हैं। एक तरफ ज्यादातर देश आतंकवाद की इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश में जुटे हैं वहीं चीन आतंकवाद के साथ खड़ा नजर आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की मांग के खिलाफ चीन खड़ा हो गया है।
दरअसल पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले का मुद्दा भारत ने संयुक्त राष्ट्र में उठाते हुए जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रश्न उठाया था। भारत ने मांग की थी कि अल-कायदा सेक्शन कमेटी के तहत मौलाना मसूद अजहर पर कार्रवाई हो। खबरों के अनुसार संयुक्त राष्ट्र संघ में 15 में से 14 देश मौलाना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में थे। पर अकेले चीन सभी देशों के खिलाफ चल गया और आतंकी संगठन के पक्ष में फैसला लिया।
आतंकवाद के समर्थन में आने पर चीन ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। अपने लिखित जवाब में चीन ने कहा कि वो भारत के प्रस्ताव को अभी रोक रहे हैं। भारत के फैसले का अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने समर्थन किया है। साथ ही कई अन्य देश भी मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है।
आपको बताते चले कि संयुक्त राष्ट्र संघ के पांच स्थायी सदस्यों में चीन भी है। चीन ने अपने वीटो शक्ति का प्रयोग करते हुए, भारत के इस प्रस्ताव को रोक दिया। पाकिस्तान के अलावा चीन ही ऐसा देश है जो अब मौलान मसूद अजहर के साथ खड़ा दिखाई देता है। संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी प्रतिनिधित्व करने वाले सैय्यद अकबरद्दीन ने कहा कि ‘जहां तक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले की बात है कि हम न्याय के लिए अपनी आवाज उठा रहे हैं। यह ऐसा मुद्दा नहीं है कि हम उसे भूल जाएं या फिर छोड़ दें।