मूवी रिव्यूः हेट स्टोरी 3
हेट स्टोरी को आप कामुकता से ओत-प्रोत एक भारतीय थ्रिलर फिल्म मान सकते हैं. मुझे लगता है कि इन तीन शब्दों ने फिल्म का पूरा कथानक आपके सामने स्पष्ट कर दिया होगा.
हालांकि 130 मिनट की ये फिल्म इनमें से किसी भी विषय को पूरी तरह से पर्दे पर पेश करने में बिखरती सी नजर आती है लेकिन विशाल पांड्या की फिल्म से आप इससे ज्यादा की उम्मीद कर रहे थे तो ये गलती आपकी ही थी.
फिल्म के थ्रिलर को देखकर आपको अब्बास-मस्तान की याद आ सकती है और निश्चित रूप से स्क्रीनप्ले देखकर भट्ट साहब की. फिल्म में शरमन जोशी और जरीन खान मियां-बीवी के किरदार में हैं. ये मियां-बीवी अचानक से न जाने कितनी ही समस्याओं से घिर जाते हैं और इन सारी मुसीबतों का कारण बनते हैं करण सिंह ग्रोवर.
हालांकि फिल्म में डेजी शाह भी हैं पर वो आपको असिस्टेंट से ज्यादा नहीं लगेंगी. फिल्म में एक के बाद एक मोड़ आते जाते हैं और पूरी फिल्म कब, क्यों, कैसे के जवाब तलाशती रहती है. पर क्या हममें से किसी को भी इस बात की परवाह है…शायद किसी को भी नहीं.
फिल्म की रिलीज के पहले सेंसर बोर्ड की कैंची वाली खबर तो आपने सुन ही ली होगी. ऐसे में बहुत अधिक और कुछ अलग की उम्मीद के साथ तो बिल्कुल ही न जाएं.
पर कुछ किस सीन्स आपको जरूर पसंद आ सकते हैं. तो अब बात ये उठती है कि फिल्म में सबसे रोचक क्या है?
क्या कहा, फिल्म के गाने…फिल्म में डेजी शाह, काव्या के किरदार में कुछ इस तरह आती और जाती हैं कि दर्शक हर बार उन्हें तलाशने लगता है. वैसे वो इस किरदार में काफी बोल्ड नजर आई हैं. जैसे ही दर्शक उन्हें तलाशना शुरू करते हैं, एक गाना सामने आ जाता है.
लेकिन एक बात से तो कोई इनकार नहीं कर सकता है कि जरीन और डेजी ने अपने-अपने किरदार के लिए मेहनत तो काफी की है. खासतौर पर जिम में वर्कआउट करके.
शरमन और करण के बारे में अब क्या ही कहें. एक इंडस्ट्री में अपना कदम बढ़ा रहा है तो दूसरा अब भी अपनी पहचान के लिए…आगे तो आप खुद ही समझदार हैं.
वैसे कुल जमा बात सिर्फ इतनी सी है कि इस फिल्म को देखने में कोई बुराई नहीं है. पर कोई विशेष फायदा भी नहीं है.
अगर आप फिल्म के ट्रेलर को देखकर महीनों से उम्मीद पालकर बैठे थे तो आपको अभी बता दें कि एकबार फिर सोच लीजिए. कहीं आपका मजाक न बन जाए.
मैं इस फिल्म को पांच में से 1.5 क्विंट देती हूं