बिहार

अफवाएं फैलाकर की जा रही है मेरी राजनीतिक हत्या – नीतीश कुमार

नोटबंदी के फैसले का समर्थन करने के बाद कई राजनीतिक दलों के निशाने पर आ चुके नीतीश कुमार ने पलटवार करते हुए अपनी सफाई दी है। नीतीश कुमार ने कहा कि विपक्ष मेरे बारे में तरह-तरह की अफवाएं फैलाकर मेरी राजनीतिक हत्या का प्रयास कर रहा है। जदयू विधानमंडल दल की बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे राजनीतिक दृष्टिकोण का गलत तरीके से विश्लेषण किया रहा है।

नीतीश को बीजेपी का जवाब

नीतीश कुमार ने कहा कि कभी मेरे बारे में कहा जाता है कि मेरी अमित शाह से मुलाकात हुई है तो कभी कहा जाता है कि मेरी प्रधानमंत्री मोदी से बात हुई हैऔर विपक्ष मुझसे ये उम्मीद करता है कि मैं इस तरह की बातों का खंडन करूं लेकिन मैं खंडन क्यों करूं ? क्योंकी खंडन करना बात की पुष्टि करने जैसा है।

मेरे राजनीतिक जीवन को बनाया जा रहा है निशाना

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी समय से मेरे राजनीतिक जीवन पर प्रहार कर उसे खत्म करने का प्रयास जारी है। आजकल राजनीतिक सवालों पर नजरिया रखने पर इसकी अनर्गल राजनीतिक व्याख्या होने लगी है। इसकी मैं चिंता नहीं करता। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार की समाज को बांटने की प्रवृति, संघीय ढांचे पर प्रहार और असहिष्णुता के खिलाफ जदयू लगातार संघर्ष करता रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष उन मामलों को भी सदन में उठाता है जो राज्य से जुड़े नहीं हैं।

सिर्फ नोट बंदी से उजागर नहीं होगा काला धन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कालाधन के खिलाफ हुई कार्रवाई का जदयू ने समर्थन किया है। कालाधन के साथ-साथ बेनामी सम्पत्ति एवं सोना, हीरा-जवाहरात को बड़े पैमाने पर जमा करने वालों पर भी कार्रवाई हो। इसके लिए यह उचित समय है। नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र द्वारा कालाधन के खिलाफ की गई कार्रवाई का हम स्वागत करते हैं लेकिन इसकी पूरी तैयारी न किए जाने के कारण जनता को होने वाली परेशानी को हमारी पार्टी संसद से लेकर विभिन्न फोरम पर गंभीरता से उठा रही है। नीतीश कुमार से साथ ही कहा कि नोटबंदी पर्याप्त कदम नहीं है जब तक सभी तरह की बेनामी सम्पत्ति पर प्रहार नहीं होगा, कालाधन उजागर नहीं हो सकता।

गौरतलब है कि विपक्षी पार्टियों में नीतीश कुमार अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने पीएम मोदी के नोट बंदी के फैसले का स्वागत किया था, नोटबंदी को समर्थन देने के बाद नीतीश कुमार के ऊपर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे, मीडिया में ऐसी भी खबरें आ रही थीं कि नीतीश भाजपा से अपनी नजदीकियां बढ़ा रहे हैं। फिल्हाल नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हमला करके जो सफाई दी है उससे उन सभी कयासों पर विराम लग गया है जिनकी पिछले दिनों चर्चा जोरों पर थी।

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