गोपालगंज: महिला डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए निकाला गया कैंडल मार्च, लोगों में घटना को लेकर आक्रोश
गोपालगंज: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई बलात्कार और हत्या की घटना ने देशभर के डॉक्टरों को गहरी चिंता और आक्रोश में डाल दिया है। इस घटना के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर 17 अगस्त को पूरे देश में डॉक्टरों ने 24 घंटे की काम बंद हड़ताल की। इस हड़ताल के तहत, डॉक्टरों ने अपनी आवाज उठाने और न्याय की मांग करने के लिए विभिन्न प्रकार के विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया।
पंचदेवरी में भी इस घातक घटना का विरोध करते हुए, डॉक्टरों ने रविवार की शाम कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च का उद्देश्य घटना के प्रति गहरी संवेदना और समर्थन दिखाना था। मार्च का आयोजन प्रखंड कार्यलय के गेट से चौक तक किया गया। इसमें न केवल प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों ने हिस्सा लिया, बल्कि जन प्रतिनिधियों व समाज सेवियों ने भी इसका समर्थन किया और व्यापक भागीदारी सुनिश्चित की। कैंडल मार्च में शामिल डॉक्टरों का कहना है कि इस घिनौनी घटना के दौरान पुलिस की मौजूदगी में भी गुंडों ने चिकित्सकों पर हमला किया और सबूत मिटाने की कोशिश की। यह स्थिति न केवल कानून-व्यवस्था की विफलता को दर्शाती है बल्कि यह भी उजागर करती है कि अपराधी कितने बेखौफ हो गए हैं। डॉक्टरों ने इस प्रकार के हिंसात्मक घटनाओं की निंदा करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम की मांग की है। कैंडल मार्च के दौरान डॉक्टरों ने एकजुटता और समर्थन के साथ अपनी बात रखी और यह सुनिश्चित किया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई हो और न्याय मिले।
कैंडल मार्च में राधिका शरण मिश्र, बृज किशोर दुबे आदि थे ।