गोपालगंज

गोपालगंज: हथुआ के छाप पंचायत में पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म से जुड़े फाइलेरिया रोगियों को किया गया प्रशिक्षित

गोपालगंज जिले के फाइलेरिया मरीज “पेशेंट सपोर्ट प्लेटफार्म” से जुड़कर फाइलेरिया के रोगी स्थानीय स्तर के समुदाय को आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। जिसको लेकर जिले के हथुआ प्रखंड के छाप पंचायत अंतर्गत बड़ई पट्टी पंचायत भवन में स्थानीय मुखिया रविन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुखिया रविन्द्र प्रसाद, हथुआ स्वास्थ्य के केंद्र के बीएचएम कुमार वरुण, सीफार की नेहा कुमारी, वीबीडीएस शशि रंजन, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) प्रीति कुमारी, एएनएम रागिनी कुमारी, परिवार नियोजन परामर्शी आयुष कुमार, एक आशा फेसिलेटर और 8 आशा कार्यकर्ताओं सहित 55 लोग उपस्थित थे।

हथुआ प्रखंड के छाप पंचायत के मुखिया रविन्द्र प्रसाद ने उपस्थित पेशेंट प्लेटफार्म के सदस्यों से कहा की आप सभी लोग स्थानीय प्रखंड के विभिन्न गांवों और सामुदायिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम में फाइलेरिया रोगियों की मदद करेंगे। क्योंकि सरकार ही नही बल्कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि अपने घर परिवार, आस पड़ोस सहित गांव से फाइलेरिया जैसी बीमारी को भगाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा कर अलग पहचान बनायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग और सेंटर फॉर एडवोकेसी रिसर्च (सीफा़र) के द्वारा इस तरह से कार्यों को किया जा रहा है। जो यह बहुत ही सराहनीय पहल है। क्योंकि फाइलेरिया के रोगी खुद पेशेंट प्लेटफार्म के रूप में एक समूह बनाकर गांव- गांव जाकर आम लोगों को फाइलेरिया बीमारी के बारे में अपने अनुभवों के आधार पर जागरूक करेंगे।

स्थानीय हथुआ के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक (बीएचएम) कुमार वरुण ने कहा कि विभागीय स्तर पर सीफार की नेहा कुमारी के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पेशेंट प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों के बीच एमडीए के दौरान दवा खाने के लिए जागरूक किया जाएगा। हालांकि जिले में नाइट ब्लड सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम से जुड़े सभी आवश्यक कार्यों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन फाइलेरिया रोगियों के द्वारा बनाया जाना वाला पेशेंट प्लेटफार्म स्थानीय गांव के अलावा विभिन्न गांवों में जाकर दवा खाने और दवा नही खाने वालों को जागरूक करेंगे। साथ ही सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) राउंड के दौरान फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन उनके लिए कितना आवश्यक है। जिनको फाइलेरिया जैसी बीमारी हुई है।

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