गोपालगंज: विद्यालय में हुआ मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सेमिनार, छात्रों को मिली जानकारी
गोपालगंज: कोई व्यक्ति जानबूझकर मानसिक रोगी नहीं बनता। मानसिक रोग का शिकार अधिकारी, डाक्टर, इंजीनियर, किसान, नेता एवं अनपढ़ व्यक्ति से लेकर कोई भी हो सकता है। यह रोग पढ़े-लिखे या अनपढ़ या अधिकारी-कर्मचारी में भेद नहीं करता।
मानसिक रोग से कोई भी ग्रसित हो सकता है। उक्त बातें साइकोलोजिस्ट डॉ. मनोज कुमार सिंह ने गुरुवार को सेमिनार में कही। वे मानसिक रोग के बारे में उत्क्रमित मध्य विद्यालय नेहरुआ काला के छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को लक्षणों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। अपना उपचार कराने में टाल-मटोल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। समाज जब तक मानसिक स्वास्थ्य के प्रति पॉजिटीव सोच नहीं रखेगी। तब तक मनोरोग से बचाव पूरी तरह संभव नहीं हैं।
तनावपूर्ण जीवनशैली के दौर में स्वस्थ व्यक्ति को भी हर छह माह में एक बार भी मानसिक स्वास्थ्य जांच के लिए विशेषज्ञों से मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मनोरोग बच्चे-बड़े-बुजूर्ग किसी को अपने आगोश में ले सकती है । क्योंकि व्यक्ति अपने आसपास के माहौल को प्रतिस्पर्धा के कारण तनावपूर्ण बना लिया है।
सेमिनार में छात्रों की मानसिक स्थिति की जांच से संबंधित तकनीक की जानकारी दी गई। मौके पर जनार्दन ओझा, संजीव कुमार वर्णवाल, छोटेलाल प्रसाद, निर्मला शुक्ला, पुष्पा देवी, ममता कुमारी श्रीवास्तव, सीमा देवी, राजन राम, माया शर्मा आदि थे ।