गोपालगंज: जमुनहां में 24 फरवरी से चल रहा है श्रीसहस्रचंडी महायज्ञ, कथा सुनने उमड़ी श्रद्घालुओं की भीड़
गोपालगंज: जगत मिथ्या नहीं है, इसके कण-कण में ब्रह्म अर्थात ईश्वरत्व या प्रभु राम का स्वरूप विद्यमान है। जगत की कोई भी वस्तु या तत्व असत्य नहीं है। हमारे भाव ही मिथ्यात्व को जन्म देते हैं और यह भाव ही जगत को मिथ्या बना देता है। मैं और मेरा का भाव, पति-पत्नी, बेटा-बेटी और इसी तरह के भाव मिथ्या होते हैं।
उक्त बातें पंचदेवरी प्रखंड के श्रीराम जानकी मंदिर जमुनहां परिसर में महंथ श्री हरि नारायण दास जी महाराज के सानिध्य में 24 फरवरी से चल रहे श्री सहस्र चंडी महायज्ञ के चौथे दिन कथा व्यास पं विरेन्द्र तिवारी ने कही। उन्होने कहा कि भगवान सबमें हैं लेकिन वह सबसे अलग भी हैं, वह हमारे साथ हर क्षण है पर दिखते नहीं हैं। वह हमें दिखाई नहीं देते, क्योंकि हमने उन्हें अपने अंदर महसूस ही नहीं किया। कथा के दौरान कथा व्यास ने शिव विवाह की बहुत ही मार्मिक कथा सुनायी ।
मौके पर समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र मिश्र, मुखिया अशोक गुप्ता,रवि रंजन श्रीवास्तव,मणि पाण्डेय, जयराम गुप्ता, राजन जायसवाल, नरसिंह कुशवाहा, , डॉ बाबुलाल सिंह, बलिराम सिंह, सुनील गुप्ता, रितेश पाण्डेय, विवेक तिवारी, निराला बाबा, सुरेन्द्र पाण्डेय, प्रदुम्न मिश्र, राजीव केशरवानी, नीरज जायसवाल, अशोक जायसवाल, संदीप केशरी, बालक मिश्र, राहुल साह सहित कथा सुनने के लिए पंडाल में पुरुषों के साथ ही सैकड़ों महिला भक्त भी मौजूद रहीं।