गोपालगंज: युवा सामाजिक कार्यकर्ता अनस सलाम ने दसवी बार रक्तदान कर एक महिला की बचाई जान
गोपालगंज: कहते हैं ना, रक्तदान महादान और यही महादान की परी पटकथा को गोपालगंज के युवा अनस सलाम चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी में जहां दसवी बार रक्तदान किया। वही खून की कमी से जूझ रहे प्रसूता महिला की जान भी बचाई।
दरअसल सिवान के महिदीपुर की रहने वाली आशिया खातून के पेट में ही बच्चा की मौत हो गई। महिदिपुर निवासी तौफीक आलम की पत्नी आशिया खातून के शरीर में खून की काफी कमी थी। जिसकी वजह से उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। पीड़िता का ब्लड ग्रुप बी पॉजिटिव था। उसके पेट में ही नवजात बच्चे की मौत होने की वजह से उसकी हालत लगातार बिगड़ रही थी। नवजात के मौत के बाद डॉक्टरों ने पीड़ित आशिया को तत्काल हेमोग्लोबिन चढ़ाने की सलाह दी। महिला के शरीर में महज चार प्वाइंट हिमोग्लोबिन था। जिसके वजह से उसकी जान बचाना मुश्किल हो रहा था।
गोपालगंज के युवा सामाजिक कार्यकर्ता अनस सलाम को इसकी जानकारी मिली। अनस ने तत्काल पीड़िता को ब्लड देने का निर्णय लिया। अनस सलाम ने अपनी छोटी से उम्र में दसवी बार रक्तदान किया। अनस सलाम ब्लड डोनेशन ग्रुप चलाते हैं। और जरूरतमंदों को ब्लड देते है।
अनस सलाम की इस रक्तदान दान से जहा एक और महिला मरीज की जान बच गई। वही अनस सलाम के इस सामाजिक कार्य की हर कोई तारीफ कर रहा है।